जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य

पाक पीएम शहबाज शरीफ का कबूलनामा: भारतीय मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस को किया तबाह

कबूलनामा

https://twitter.com/i/status/1923435453291606028
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आखिरकार यह स्वीकार कर लिया है कि भारतीय बैलिस्टिक मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस को तबाह कर दिया। उन्होंने यह भी माना कि भारतीय मिसाइलों ने अन्य स्थानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। पाकिस्तान अक्सर भारतीय सैन्य कार्रवाई के मामलों को छिपाने की कोशिश करता रहा है, लेकिन इस बार उन्हें सच्चाई स्वीकार करनी पड़ी।

शहबाज शरीफ ने बताया कि उन्हें सेना प्रमुख असीम मुनीर ने 10 मई को देर रात इन हमलों की जानकारी दी। शरीफ ने पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा स्थानीय तकनीक और चीनी जेट विमानों के इस्तेमाल का उल्लेख किया, लेकिन उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि भारतीय मिसाइलों ने अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा।

पाकिस्तान स्मारक में शुक्रवार को आयोजित एक समारोह में बोलते हुए शरीफ ने कहा, “10 मई को लगभग 2:30 बजे, जनरल सैयद असीम मुनीर ने मुझे सुरक्षित लाइन पर कॉल किया और बताया कि भारत की बैलिस्टिक मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस और अन्य क्षेत्रों पर हमला किया है।”

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, “हमारी वायुसेना ने अपने देश की रक्षा के लिए स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया और यहां तक कि उन्होंने चीनी जेट विमानों पर आधुनिक गैजेट्स और तकनीक का भी उपयोग किया।”

भाजपा नेता अमित मालवीय ने शरीफ के इस स्वीकारोक्ति पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि उन्हें सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने सुबह 2:30 बजे जगाया और बताया कि भारतीय मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर हमला किया है।

मालवीय ने कहा कि शहबाज शरीफ का यह कबूलनामा ऑपरेशन सिंदूर की सटीकता और साहस को दर्शाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में मालवीय ने कहा, “पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ ने खुद स्वीकार किया है कि जनरल असीम मुनीर ने भारतीय मिसाइलों के हमले की जानकारी दी। इसे समझें – प्रधानमंत्री को आधी रात को पाकिस्तान के अंदर हमलों की खबर के साथ जगाया गया।”

भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से एक बड़ी कार्रवाई की थी। इस हमले में पाकिस्तान में कई आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया था।

इसके परिणामस्वरूप, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे। हमले के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से भारी गोलाबारी की और सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन से हमले करने का प्रयास किया।

इसके जवाब में, भारत ने एक समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के 11 वायु सैन्य ठिकानों पर रडार इंफ्रास्ट्रक्चर, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त होने की सहमति की घोषणा की गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App