ऑपरेशन सिंदूर में चीन ने पाकिस्तान की मदद की, विदेश मंत्री एस जयशंकर का खुलासा
नई दिल्ली

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण खुलासा करते हुए कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के दौरान चीन ने पाकिस्तान की गुप्त रूप से मदद की थी। उन्होंने बताया कि चीन ने सैटेलाइट के माध्यम से पाकिस्तान को आवश्यक जानकारी प्रदान की थी। हालांकि, इसके बावजूद भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों का समर्थन मिला और भारत अपने संदेश को प्रभावी ढंग से पहुंचाने में सफल रहा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर होंडुरास दूतावास के उद्घाटन समारोह में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने होंडुरास द्वारा पहलगाम आतंकवादी हमले के दौरान भारत के पक्ष का समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त किया।
पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर बोलते हुए, एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत का रुख पहले से ही स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय स्तर पर ही बातचीत होगी और इस मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।
ऑपरेशन सिंदूर और चीन की भूमिका:
ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का मुख्य उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना था, और भारत ने इसे हासिल भी किया। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से बताया था कि उसका निशाना आतंकवादी ढांचा है, न कि पाकिस्तानी सेना। हालांकि, पाकिस्तान ने भारत की सलाह को नजरअंदाज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप 10 मई को पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। एस जयशंकर ने बताया कि सैटेलाइट से ली गई तस्वीरें इस नुकसान की गवाही देती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सर्वविदित है कि संघर्ष विराम की अपील कौन कर रहा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल दो मुद्दों पर होगी: पहला, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और दूसरा, आतंकवाद। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का यह रुख सर्वसम्मति से बना है। पाकिस्तान को आतंकवादियों की सूची सौंपनी होगी और उन्हें आश्रय देना बंद करना होगा।
सिंधु जल संधि पर भारत का रुख:
सिंधु जल संधि के भविष्य पर बोलते हुए, विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख को दोहराया। उन्होंने कहा कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते हैं,” जिसका अर्थ है कि सिंधु जल संधि फिलहाल स्थगित रहेगी। 1