गायत्री मंत्र का “ओ३म् ” कर देगा हाई ब्लड प्रेशर को नार्मल- ,, निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) के लिए यह उपयोगी नहीं
,,, कोरोनाकाल के बाद बढ़ रहा हाईपरटेंशन, इसलिए आज गायत्री मंत्र है उपयोगी
,, हार्ट स्पेशलिस्ट वा मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ आर एस शर्मा ने 1995 में किया इस विधा का अविष्कार, आज भी मरीजों को सिखाते हैं गायत्री मंत्र करने का सही तरीका
जबलपुर,यश भारत। दवाओं से हाई बीपी को कंट्रोल किया जाता है लेकिन दवा के साथ यदि गायत्री मंत्र का उच्चारण भी शामिल कर लिया जाए तो ज्यादा असरकारक है। यह कहना है मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति वा हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ आर एस शर्मा का। यह अविष्कार जर्नल्स ऑफ एपीआई में प्रकाशित हो चुका है वा गुवाहाटी में आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में इसका प्रजेंटेशन हो चुका है।
गायत्री मंत्र के “ओ३म् ” उच्चारण का मेडिकल तथ्य,,,
डॉ शर्मा का कहना है कि गायत्री मंत्र के “ओ३म् ” को जब लंबा खींचते हुए फिर मंत्र का उच्चारण किया जाता है तो आटोनोमिक नर्वस सिस्टम (एएनएस) पर प्रभाव डालता है। फेफड़ों पर दबाव पड़ने से वेगस नस उत्तेजित होती है। जिससे हाई ब्लड प्रेशर वा बढ़ा हुआ हार्ट रेट नार्मल होता है। यह केवल गायत्री मंत्र के “ओ३म् “के सही तरीके से उच्चारण से ही संभव हो जाता है। इसके बाद शेष गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से कुछ इंटरवल मिलता है जिससे रिलेक्स मिलता है।
निम्न रक्तचाप वालों के लिए नहीं,,,
“ओ३म् ” के उच्चारण से स्ट्रेन के कारण लो बीपी (निम्न रक्तचाप) के लिए यह ठीक नहीं है। डॉ शर्मा के अनुसार इससे ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट के और अधिक कम होने की संभावना रहती है। जोकि खतरनाक है।
मरीजों पर प्रयोग,,
डॉ शर्मा ने 1995 में इसका प्रयोग 100 मरीजों पर किया।इन मरीजों की दवा का डोज कम हुआ।इसके बाद वे लगातार अपने मरीजों को गायत्री मंत्र का उच्चारण दिन में तीन बार, कम से कम 5 मिनट तक करने की सलाह देते हैं लेकिन दवा के साथ। दवा का डोज डॉक्टर की देखरेख में धीरे धीरे कम होता जाता है। इस संबंध में उन्होंने एक किताब भी प्रकाशित की है। इसके अलावा गायत्री मंत्र में “ओ३म् ” का उच्चारण सिखाने ऑडियो भी तैयार किया है।
आज क्यों जरूरी,,,,
कोरोनोकाल के बाद लोगों में हाईपरटेंशन बढ़ गया है,हार्ट से संबंधित रोग बढ़ रहे हैं।इसलिए गायत्री मंत्र के सही तरीके से उच्चारण करने पर हाई ब्लड प्रेशर को नार्मल किया जा सकता है। इससे एंजाइटी, अनिद्रा दूर होती है।इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं।
डॉ आर एस शर्मा
हार्ट स्पेशलिस्ट वा पूर्व कुलपति मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर