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उत्तर मध्य विधानसभा-काम किसी का- पैसा किसी का- नाम किसी और का

श्रेय की राजनीति में उलझे पूर्व मंत्री, विधायक, महापौर, नेता प्रतिपक्ष, और पार्षद

जबलपुर यश भारत। उत्तर मध्य विधानसभा अंतर्गत आने वाले विवेकानंद वार्ड में विधायक विनय सक्सेना और महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू की मौजूदगी में एक 15 लाख की सड़क का भूमि पूजन किया गया। जिसे विधायक निधि से बन्ना बताया जा रहा है। वही भाजपा नेताओं का कहना है कि यह सड़क विधायक निधि से नहीं बन रही है। इस सड़क का निर्माण तो मुख्यमंत्री कायाकल्प योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक विधानसभा में 5-5 करोड़ रुपए के विकास कार्य होने हैं। वही इस पूरे मामले में एक नया पेच और है। जिसमें कस्तूरबा गांधी वार्ड से पार्षद और विवेकानंद वार्ड में रहने वाले कांग्रेस नेता संतोष पंडा का कहना है कि वह पिछले 6 महीने से इस सड़क के निर्माण को लेकर प्रयास कर रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने पूर्व नगर निगम आयुक्त आशीष विशिष्ट से भी कई बार चर्चा करके निर्माण कार्य की मांग रखी थी । साथ ही साथ वह पूर्व में महापौर से भी इस विषय में पत्राचार कर चुके थे जिसके चलते इस सड़क का निर्माण हो रहा है।

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सड़क निर्माण का भूमि पूजन करते विधायक महापौर और पार्षद

इस पूरे मामले में सबसे हास्यास्पद बात तो यह है कि पहले विधायक व महापौर यहां भूमि पूजन करने पहुंचे जिसे विधायक निधि से निर्मित सड़क बताकर श्रेय लेने की बात की गई। उसके बाद पूर्व मंत्री शरद जैन जी मैदान में उतर गए और उन्होंने इस विकास कार्य का श्रेय भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिया। वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष भी मौके पर चौका मारते हुए सीधे महापौर से पूछ बैठे की इस सड़क का निर्माण किस मद से किया गया है। जिसके चलते महापौर भी कहीं ना कहीं असहज नजर आए। इस पूरे मामले में एक पेच यह भी है कि सड़क निर्माण को लेकर संतोष पंडा द्वारा प्रयास किया गया था लेकिन वे यहां से पार्षद नहीं है। परंतु इस वार्ड के निवासी हैं और उनका कहना है कि वह इस सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं ।

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वार्ड में लोगों से संवाद करते पूर्व मंत्री व क्षेत्रीय पार्षद

जिसके चलते उन्होंने सड़क की मांग रखी हुई थी। वही विवेकानंद वार्ड से पार्षद सोनिया रंजीत सिंह इस पूरे मामले से दूर ही रही । जब बात मुख्यमंत्री कायाकल्प योजना के फंड की आई तो फिर वह भी मौके पर चौका मारने भाजपा नेताओं के साथ वार्ड में पहुंच गए। इस पूरे घटनाक्रम को देखकर यही कहा जा सकता है कि प्रयास किसी और का था पैसा किसी और ने दिया और फिर श्रेय लेने के लिए दौड़ किसी और ने लगा दी।चुनाव नजदीक आते ही राजनीति चमकाने की दौड़ तो सब जगह लगी हुई है । लेकिन इस सड़क को लेकर राजनीति के बड़े-बड़े पैरोंकार इस तरह से हाथों में अगरबत्ती और फावड़ा लिए श्रेय की माला पहनने दौड़ लगा देंगे यह छोड़ा अजीब जरूर है।

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