20 जगहों पर सुबह साढ़े तीन बजे NIA का छापा, घंटों तलाशी, जानें इस्लामिक कट्टरपंथ का क्या मामला?

चेन्नै : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मंगलवार को तमिलनाडु के 20 ठिकानों पर छापेमारी की। सीरकाझी और थिरुमुल्लैवासल में भी छापे मारे गए। सामने आया है कि एनआईए की यह रेड आईएसआईएस कट्टरपंथ मामले में हुई है। विशेष इनपुट के आधार पर मंगलवार तड़के साढ़े तीन बजे से ही तलाशी शुरू कर दी गई। कहा जा रहा है कि छापेमारी के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है।
कार्रवाई से जुड़े सूत्रों ने बताया कि संदिग्धों के ठिकानों पर की जा रही है। इन तलाशियों का उद्देश्य आईएसआईएस की विचारधारा को बढ़ावा देने और सदस्यों की भर्ती करने में शामिल व्यक्तियों से संबंधित सबूतों को उजागर करना है।
तड़के पहुंच गई टीम
तमिलनाडु के मयिलादुथुराई और चेन्नई जिलों में छापेमारी की गई है। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एनआई की टीमों ने तड़के 3.30 बजे छापे मारे। एनआईए ने इस एक्शन के लिए केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की टीमें बनाई हैं। तमिलनाडु पुलिस भी इस रेड में एनआईए की मदद कर रही है।
रामलिंगम की हत्या से लिंक!
छापेमारी प्रतिबंधित इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े इलाकों पर केंद्रित थी। एनआईए ने पहले भी तमिलनाडु में तंजावुर, तिरुचि, कोयंबटूर, मदुरै और अन्य इलाकों को निशाना बनाकर इसी तरह की कार्रवाई की है। ये छापे मुख्य रूप से प्रतिबंधित पीएफआई के पूर्व सदस्यों पर केंद्रित थे, जिसे केंद्र सरकार ने 2022 में प्रतिबंधित कर दिया था। ताजा कार्रवाई कथित तौर पर तंजावुर में पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) नेता रामलिंगम की 2019 में हुई हत्या की जांच से जुड़ी है। रामलिंगम की कथित तौर पर 5 फरवरी, 2019 को पीएफआई सदस्यों ने वंचित समुदायों के बीच जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करने के लिए हत्या कर दी गई थी।
आतंकी संगठन में कर रहे थे भर्तियां?
एनआईए ने पहले इस मामले के संबंध में 18 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। 24 सितंबर, 2024 को पहले की कार्रवाई में, एनआईए ने चेन्नई, कन्याकुमारी और पुदुकोट्टई सहित तमिलनाडु में 12 स्थानों पर छापे मारे थे। ये छापे प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) की भर्ती गतिविधियों से जुड़े थे। इसका उद्देश्य अपने संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी के संविधान के शासित एक इस्लामिक राज्य की स्थापना करना है।
पिछले साल अगस्त में हुई थी गिरफ्तारी
एनआईए ने तमिलनाडु पुलिस से एचयूटी मामले को अपने हाथ में ले लिया और 31 अगस्त, 2024 को बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एचयूटी कार्यकर्ता अजीज अहमद (जिसे जलील अजीज अहमद के नाम से भी जाना जाता है) को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि वह देश से भागने का प्रयास कर रहा था।