MU ने नर्सिंग के प्रैक्टिकल एग्जाम में विवादित स्टाफ नर्स को बनाया परीक्षक, NSUI ने हटाए जाने की मांग की

जबलपुर, यशभारत। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अपने काले कारनामों और भ्रष्टाचार के चलते अक्सर सुर्खियों में बना रहता है। विश्वविद्यालय एक बार फिर से अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में है। दरअसल, विवि प्रशासन ने स्टाफ नर्स रजनी नायर को 19 नर्सिंग कालेजों की बीएससी नर्सिंग तृतीय वर्ष की पूरक प्रायोगिक परीक्षा का परीक्षक बनाया है इसे लेकर विवाद शुरू हो गई है। छात्र संगठन एनएसयूआई ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर अयोग्य कार्यक्षमताहीन एवं विवादित स्टाफ नर्स को तत्काल हटाने की मांग करते हुए विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया हैं। संगठन ने सवाल किया है कि मध्यप्रदेश के नर्सिंग कालेजों में योग्य प्राध्यापक नहीं हैं क्या?
हमीदिया नर्सिंग कॉलेज में हुए विवाद में आया था नाम
बता दें कि कुछ समय पहले हमीदिया नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं तत्कालीन उप प्राचार्य रजनी नायर के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन में 131 छात्राओं ने शिकायतें की थी। वहीं हमीदिया नर्सिंग कॉलेज की सभी छात्राओं ने रजनी नायर के खिलाफ 3 दिन तक लगातार विरोध प्रदर्शन किया था। उसके बाद रजनी नायर को उप प्राचार्य के पद पर हटाया दिया गया था। लेकिन छात्राएं मुकदमा दर्ज करवाने की मांग पर आखरी तक अड़ी रहीं, उसके बाद उन्हें नर्सिंग कालेज से हटाकर उनकी मूल पदस्थापना हमीदिया अस्पताल में स्टाफ नर्स में कर अस्थाई रूप से नर्सिंग कॉलेज में प्राध्यापक के लिए रखा गया है।
आयुर्वेद परीक्षा के दौरान भी हटाया गया था पर्यवेक्षक
वहीं विवि ने भी इन्हें कुछ समय पहले आयुर्वेद की परीक्षा के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया लेकिन विवाद होने की वजह से तत्काल हटा दिया गया था। अब विवि द्वारा एक बार फिर अयोग्य विवादित रजनी नायर को परीक्षक बनाया गया है जो संदेहास्पद हैं ।