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डाॅक्टर नवनीत सक्सेना बने जबलपुर मेडिकल के डीनः गीता गुईन ग्वालियर और परवेज सिद्दकी सिवनी के डीन बने

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज सहित 18 मेडिकल काॅलेजों में डीन नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं जिसमें जबलपुर मेडिकल काॅलेज में डाॅक्टर नवनीत सक्सेना को डीन नियुक्त किया गया है जबकि डाॅक्टर गीता गुईन को ग्वालियर और नेत्र विभागाध्यक्ष डाॅक्टर परवेज सिद्दी को सिवनी काॅलेज का डीन बनाया गया है।

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डाॅक्टर कविता एन सिंह भोपाल काॅलेज डीन
मध्यप्रदेश चिकित्सा विभाग ने प्रदेश के 18 काॅलेजों में डीन नियुक्ति के आदेश जारी किए है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज की डाॅक्टर कविता एन सिंह को भोपाल काॅलेज का डीन नियुक्त किया गया है। आदेश जारी होने के बाद मेडिकल काॅलेज में यह चर्चा जोरों पर है कि दो डाॅक्टर डीन पद स्वीकार नहीं करेंगे मतलब वह जबलपुर से बाहर नहीं जाएंगे। संभवतः यह निर्णय लेकर वह विभाग को सूचित करेंगे।

15 दिन में संभालना होगा पद
जानकारी के अनुसार नियुक्त चिकित्सक को आदेश जारी होने की दिनांक से 15 दिवस की समयावधि में संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा, सतपुड़ा भवन, भोपाल में कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य है। निर्धारित समयावधि में कार्यभार ग्रहण न करने पर आदेश स्वतः निरस्त माना जावेगा। अपरिहार्य स्थिति में संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा द्वारा इसे बढ़ाने की अनुमति प्रदान की जा सकती है।
इन नियमों के तहत होगी नियुक्ति
नियुक्त चिकित्सक की वरिष्ठता विभाग द्वारा निर्धारित वरिष्ठता के अनुसार होगी।. मध्यप्रदेश शासकीय सेवक (अस्थाई तथा अर्द्ध स्थायी) सेवा नियम, 1960 के नियम-12 (ए) के अनुसार संबंधित व्यक्ति की सेवाएं किसी भी समय किसी भी एक पक्ष द्वारा एक माह का नोटिस देकर या उसके एवज में एक माह का वेतन तथा भत्ते का भुगतान किये बिना शासकीय सेवा छोड़ने पर उक्त शर्तों के अंतर्गत एक माह के वेतन के बराबर देय राशि संबंधित व्यक्ति से भू-राजस्व के बकाया की भांति वसूली योग्य होंगी। संचालक, चिकित्सा शिक्षा, मध्यप्रदेश द्वारा नियुक्त अधिष्ठाता को कार्यभार ग्रहण कराये जाने के पूर्व उनके द्वारा प्रस्तुत स्व प्रमाणित दस्तावेज क्रमशः मूल निवासी प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र तथा अन्य शैक्षणिक योग्यता ध् पहचान संबंधी दस्तावेज का मूल प्रमाण-पत्रों से सत्यापन किया जाये तथा सत्यापित समस्त प्रमाण-पत्रोंध्अभिलेखों का संबंधित नियुक्त अधिष्ठाता की व्यक्तिगत नस्ती में आवश्यक रूप से संधारित किया जावे। अधिष्ठाता के पद पर चयन उपरांत नियुक्त चिकित्सक को चिकित्सा महाविद्यालय ध् चिकित्सालय के बाहर निजी प्रैक्टिस या परामर्शीय सेवायें देने की पात्रता नहीं होगी। विभाग द्वारा समय-समय पर जारी आदेशध्निर्देश बंधनकारी होंगे।

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