
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने मंगलवार देर रात राज्य सेवा परीक्षा-2019 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। 87 फीसदी पदों (मुख्य भाग में शामिल) पर चयन सूची जारी की गई है। ओबीसी आरक्षण मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण 13 फीसदी पदों पर नियुक्तियां रोकी गई हैं। टॉप-10 में 7 लड़कियां हैं।
आयोग द्वारा जारी डिप्टी कलेक्टर श्रेणी की सूची में पहले नंबर पर सतना की प्रिया पाठक, दूसरे पर रीवा की शिवांगी बघेल और तीसरे नंबर पर पन्ना की पूजा सोनी हैं। इनके अलावा राहुल कुमार पटेल, निधि मिश्रा, हरनीत कौर कलसी, सौरभ मिश्रा, सलोनी अग्रवाल, रीतिका पाटीदार, आशुतोष महादेव सिंह ठाकुर के नाम मेरिट लिस्ट में हैं। डीएसपी पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची में पहला नाम रुचि जैन, दूसरा ललित बैरागी और तीसरे नंबर पर हर्ष राठौर का है।
कुल 484 पदों के लिए चयन सूची जारी होनी थी, लेकिन इनमें से 12 पदों (दिव्यांग व अन्य कोटे) के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिले, इसलिए 472 पदों के लिए फाइनल रिजल्ट जारी हुआ है। बाकी पदों के लिए कोर्ट के फैसले के बाद सूची जारी होगी। अब 2019 के इन अभ्यर्थियों के साथ ही 2020 के अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
नतीजों में कुल 24 डिप्टी कलेक्टर, 19 डीएसपी, 17 कोषालय अधिकारी समेत वाणिज्यिक कर अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, जिला पंजीयक जैसे पदों के लिए चयन सूची घोषित की गई है। इन तमाम पदों के लिए 87 प्रतिशत के अनुपात में ही चयन सूची जारी की गई है। शेष 13 प्रतिशत अभ्यर्थियों के नाम होल्ड पर रख दिए गए हैं। 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही शेष 13 प्रतिशत पदों के लिए परिणाम आएंगे।
2019 में चयन प्रक्रिया के तहत दो अलग-अलग मुख्य परीक्षाएं ली गईं और उस आधार पर एक रिजल्ट जारी किया गया। इससे पहले पीएससी मुख्य परीक्षा का रिजल्ट दो बार बदल चुका है। साथ ही इंटरव्यू में चयनित उम्मीदवारों की सूची भी बदली गई है। चयन प्रक्रिया को लेकर कोर्ट में प्रकरण लंबित है। इस चयन प्रक्रिया और एक चयन के लिए अलग-अलग परीक्षाएं लेने और नॉर्मलाइजेशन के फार्मूले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं लग चुकी हैं।
अगस्त 2023 में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के जरिए 389 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल करने का आदेश दिया था। पीएससी इसके खिलाफ फिर कोर्ट में गया। आयोग ने कहा कि कोर्ट ने पुराने आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद पीएससी ने विधिक राय की प्रक्रिया की।
14वीं रैंक हासिल करने वाली सिम्मी यादव इंदौर के नरीमन सिटी में रहती हैं। साल 2016 में राहुल यादव के साथ विवाह के बाद सिम्मी ने MPPSC की परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। मां सरकारी नौकरी में हैं। सिम्मी का कहना है कि परिवार ने मुझे पढ़ाई के लिए काफी सपोर्ट किया गया। सिम्मी का 2020 में भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हो चुका है।
किसान का बेटा बना डीएसपी, कहा- मेहनत और परिवार के सपोर्ट का परिणाम
सीहोर के टिटोरा गांव में रहने वाले किसान परिवार के बेटे आशुतोष त्यागी डीएसपी पद पर चयनित हुए हैं। वे डेढ़ साल पहले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बने थे। आशुतोष ने मिडिल तक की पढ़ाई गांव में ही की। सीहोर से 12वीं पास करने के बाद बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने के लिए इंदौर के कॉलेज में दाखिला लिया। उसके साथ ही सिविल सर्विसेज की तैयारी करने लगे थे।