Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीतिक दलों के साथ-साथ रिश्तों की भी जंग देखने को मिलेगी. दरअसल, कांग्रेस-बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए जो उम्मीदवार उतारे हैं उनमें से 5 सीटों पर तो रिश्तेदार ही आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं.
नर्मदापुरम
सबसे पहले नर्मदापुरम सीट की बात करें तो यहां दो सगे भाई आमने सामने हैं. बीजेपी ने यहां से सीताशरण शर्मा को एक बार फिर से टिकट दिया है, तो वहीं कांग्रेस ने उनके भाई गिरिजाशंकर शर्मा को टिकट दिया है. इससे पहले गिरिजाशंकर भी बीजेपी में ही थे. दोनों भाइयों ने यहां 33 साल से कब्ज़ा बनाए रखा है. गिरिजाशंकर शर्मा भी 2003 और 2008 में यहां से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं.
डबरा
बीजेपी ने डबरा से ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आईं इमरती देवी को टिकट दिया है. कांग्रेस ने यहां से वर्तमान विधायक सुरेश राजे को टिकट दिया है. दोनों प्रत्याशी रिश्ते में समधी-समधन हैं. दोनों 2020 के उपचुनाव में भी आमने-सामने थे. तब सुरेश राजे ने अपनी समधन इमरती देवी को हरा दिया था.
देवतालाब
देवतालाब विधानसभा सीट पर बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को अपना उम्मीदवार बनाया है. गिरीश गौतम के सामने कांग्रेस ने उनके सगे भाई के बेटे पद्मेश को टिकट दिया है. रिश्ते में गिरीश और पद्मेश चाचा-भतीजा लगते हैं. बीजेपी के गिरीश गौतम इस सीट पर साल 2008 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. पद्मेश का भले ही यह पहला विधानसभा चुनाव है लेकिन वह गिरीश गौतम के बेटे राहुल को स्थानीय निकाय चुनाव में हरा चुके हैं. अब देखना यह है कि चाचा-भतीजा में से जनता किसे चुनती है.
सागर
सागर में जेठ और बहु आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने यहां से शैलेंद्र जैन को और कांग्रेस ने निधि जैन को टिकट दिया है. दोनों प्रत्याशी आपस में जेठ और बहू है. कांग्रेस प्रत्याशी निधि जैन, बीजेपी प्रत्याशी शैलेंद्र जैन के छोटे भाई सुनील जैन की पत्नी हैं.
टिमरनी
टिमरनी विधानसभा सीट पर भी चाचा और भतीजा के बीच ही चुनावी मुकाबला होने जा रहा है. बीजेपी ने यहां वर्तमान विधायक संजय शाह पर एक बार फिर भरोसा जताया है तो वहीं कांग्रेस ने उनके भतीजे अभिजीत शाह को टिकट दिया है. संजय शाह साल 2008 से यहां लगातार चुनाव जीत रहे हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर चाचा-भतीजा आमने-सामने थे. तब नज़दीकी मुकाबले में चाचा ने अपने भतीजे को चुनाव हरा दिया था.