नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल की बड़ी उपलब्धि: भारत में अब स्तन कैंसर का इलाज अमेरिका-यूरोप की तर्ज पर नहीं होगा
भारत के टॉप इंस्टीट्यूट्स रिसर्च सोसायटी में मेडिकल अस्पताल जबलपुर शामिल,

जबलपुर, यशभारत। स्तन कैंसर इलाज को लेकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत के टॉप इंस्टीट्यूट्स रिसर्च सोसायटी में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल को शामिल किया गया है। यह रिसर्च सोसायटी अमेरिका और यूरोप की तर्ज पर भारत होने वाले स्तन कैंसर इलाज का तोड़ निकालेंगी। संभवतः कुछ माह या साल में भारत के बड़े अस्पतालों में खुद के रिसर्च पर स्तन कैंसर का इलाज होगा। सबसे खास बात यह है कि
मध्यभारत से रिसर्च सोसायटी का प्रतिनिधित्व मेडिकल जबलपुर ने किया
स्तन थायरॉइड एवं एंडोक्राइन कैंसर विशेषज्ञ डा संजय कुमार यादव ने बताया कि पिछले दिनों भारत के रिसर्च इंस्टीट्यूट्स की बैठक हुई जिसमें मध्यभारत से इकलौता नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल जबलपुर ने इसका प्रतिनिधित्व किया। गौरवान्वित होने की बात यह है कि रिसर्च इंस्टीटयूटस में जबलपुर मेडिकल काॅलेज की उपचार पद्धति को सभी ने सराहा है।
अमेरिका-यूरोप पद्धति से होता है भारत में स्तन कैंसर का इलाज
स्तन थायरॉइड एवं एंडोक्राइन कैंसर विशेषज्ञ डा संजय यादव का कहना है कि भारत में स्तन कैंसर का इलाज अमेरिका और यूरोप पद्धति के आधार पर होता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा भारत टाप इंस्टीट्यूटस रिसर्च टीम ने स्तन कैंसर का इलाज भारत की पद्धति से हो इस पर रिसर्च करना शुरू कर दिया है।
मेडिकल जबलपुर में 50 मरीज हर माह स्तन कैंसर के आते हैं
डाॅक्टर संजय यादव ने बताया कि मेडिकल अस्पताल में 50 मरीज हर माह स्तन कैंसर के आते हैं इन केसो में आधे मरीजों को ठीक किया जाता है क्योंकि बहुत ऐसे मरीज है जो काफी संक्रमण फैलने के बाद अस्पताल पहंुचते हैं। हर माह के आंकड़े की बात करें तो करीब 400 मरीज स्तन कैंसर जबलपुर मेडिकल में पहंुचते हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल राष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च टीम का हिस्सा होेने पर डीन डाॅक्टर नवनीत सक्सेना, अधीक्षक डाॅक्टर अरविंद शर्मा और स्तन कैंसर विभागाध्यक्ष डाॅक्टर पवन अग्रवाल ने खुशी जाहिर की है।