JABALPUR NEWS: मेडिकल नर्सों को मकान मालिकों ने कहा खाली कर दें मकान: तीन माह से पगार नहीं मिली, किराना दुकान और एलआईसी की किस्त पेडिंग

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के स्कूल आफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ इस समय बेहद परेशान है। इसका कारण 3 माह से वेतन नहीं मिलना है। स्थिति ऐसी है कि किराये के मकान में रहने वाली नर्सों को मकान मालिकों ने मकान खाली करने को बोल दिया है। दूसरी तरफ किराना दुकान का बिल से लेकर एलआईसी की किस्त भी पेडिंग है। नर्सों ने इस संबंध में अपने उच्चाधिकारियों को अनेक ज्ञापन और पत्र सौंपे परंतु आज तक उन्हें वेतन नसीब नहीं हुआ।
जानकारी के अनुसार नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी (तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी) जिसमे डॉक्टर (प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, रेजिडेंस डॉक्टर), मेट्रन, नर्सिंग स्टाफ, नॉन टीचिंग स्टाफ इत्यादि लगभग 70-80 स्टाफ का वेतन 3 महीने से रोका हुआ है एवं इससे पहले भी (मार्च,अप्रैल) का वेतन रोका गया था। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन नहीं होने की वजह से किसी न किसी कर्मचारी की प्रत्येक महीने की होम लोन की ई एम आई किस्त एवं अन्य प्रकार की किस्त कटती है एवं किसी के पास तो रोजमर्रा की जरूरतों हेतु रुपए नहीं होने के कारण विकट आर्थिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। यद्यपि मेडिकल कॉलेज अंतर्गत सभी विभागों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों का वेतन आहरण किया जा रहा है परंतु स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन अंतर्गत स्टाफ के वेतन भुगतान की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।
पक्षपात क्यों जब काम हम भी कर रहे हैं
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ से लेकर अन्य कर्मचारियों का कहना है कि अन्य विभागों की तरह वे भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रहे हैं इसके बाबजूद दूसरे विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल रहा है और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के कर्मचारियों के साथ पक्षपात किया जा रहा है।
बजट नहीं मिला इसलिए वेतन नहीं
इधर मेडिकल अस्पताल-काॅलेज प्रबंधन के उच्चाधिकारियों का कहना है कि कुछ माह से स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन विभाग का वेतन बजट नहीं आ रहा है इसलिए कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों की माने तो बजट को लेकर वह कई बार शासन को पत्राचार किया जा चुका है परंतु बजट उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। कर्मचारियों की समस्याओं से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है।