शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज की जमीन कर दी सार्वजनिक बन गई सड़क-, मध्यप्रदेश विधानसभा में उठा मुद्दा, करोड़ों की बेसकीमती जमीन के पास प्लाटिंग शुरु
- पूर्व प्रधानाचार्य की कारगुजारी : 40 फुट चौड़ी रोड को बिल्डरों की शह पर कर दिया सार्वजनिक

जबलपुर, यशभारत। शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय ग्वारीघाट की रोड गायब होने का हैरतंगेज कारनामा सामने आया है। यहां पूर्व प्रधानाचार्य ने तथाकथित बिल्डरों की शह पर, अवैध लाभ अर्जित करते हुए महाविद्यालय की 40 फिट चौड़ी रोड सार्वजनिक कर दी। उक्त जमीन का बाजार रेट करोडों में है, जिसके बाद बिल्डरों ने आसपास प्लाटिंग भी कर ली। मामला सामने आने के बाद मध्यप्रदेश सदन में मामले से संबंधित प्रश्र कर, कार्रवाई की मांग की गई। लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जानकारी अनुसार शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय ग्वारीघाट में स्थापना के समय से ही 40 फुट चौड़ी रोड थी, जो महाविद्यालय के अधीन थी। लेेकिन यहां पदस्थ पूर्व प्रधानाचार्य डॉक्टर रविकांत श्रीवास्तव ने बिना किसी वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के, रोड सार्वजनिक कर दी।
हो गई प्लाटिंग
महाविद्यालय की जमीन को सार्वजनिक करने के बाद ही बिल्डर सक्रिय हो गए और आसपास प्लाटिंग शुरु कर दी। मामले में प्रधानाचार्य के ऊपर भी अवैध लाभ अर्जित करने की आशंका है। बताया जा रहा है कि उक्त रोड की जमीन बेसकीमती है, जिसका बाजार मूल्य करोड़ों मे है। ऐसे में कोई प्रधानाचार्य बिना लाभ लिए रोड को सार्वजनिक करने का कार्रवाई आखिर क्यों करते?
ठंडे बस्ते में जांच, उठा मुद्दा
शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय ग्वारीघाट की रोड को सार्वजनिक करने के बाद मामले की शिकायत हुई। लेकिन उक्त प्रकरण में की जांच भी ठंडे बस्ते में है। जिसके बाद यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि ऊपर तक पहुंच और चंद चांदी के सिक्कों की खनक के आगे, चोर, चोर मौसेरे भाई वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। जिसके बाद इस मुद्दे से संबंधित प्रश्र मध्यप्रदेश सदन में भी गूंजा। लेकिन स्थिति डांक के तीन पांत ही बनी हुई है।