सुभाष चंद्र बोस जेल में पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की स्थिति पर जेलर की जानकारी
20 वर्षों में पैरोल पर छोड़े गए बंदियों में से 35 को दोबारा गिरफ्तार किया जा चुका

सुभाष चंद्र बोस जेल में पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की स्थिति पर जेलर की जानकारी
जबलपुर, यश भारत। जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस जेल, जबलपुर के जेलर ने जेल में बंद बंदियों के पैरोल से संबंधित जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि पिछले 20 वर्षों में पैरोल पर छोड़े गए कई बंदियों में से 35 को दोबारा गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 14 बंदी अभी भी फरार हैं। फरार बंदियों की जानकारी संबंधित थानों और पुलिस को दी गई है, और पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है।
कैसे होती है पैरोल की प्रक्रिया
जेलर ने बताया कि पैरोल पर बंदियों को तभी छोड़ा जाता है जब उनका जेल में आचरण अच्छा हो। इस प्रक्रिया के तहत पहले कलेक्टर, एसपी और संबंधित थाने के टीआई से रिपोर्ट ली जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि पैरोल पर छूटने वाले बंदी से क्षेत्र में शांति भंग न हो। यदि इन अधिकारियों की रिपोर्ट सकारात्मक होती है, तो मामला जेल प्रशासन के पास आता है। इसके बाद दो जमानतदारों की गारंटी पर बंदी को पैरोल पर रिहा किया जाता है।
बंदी कौन-कौन से जिलों से हैं
पैरोल पर छूटने वाले और गिरफ्तार बंदियों में जबलपुर, मंडला, बालाघाट, और छिंदवाड़ा सहित विभिन्न जिलों के बंदी शामिल हैं। इनमें अधिकांश आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
जेल प्रशासन की सक्रियता
फरार बंदियों की तलाश के लिए जेल प्रशासन और पुलिस विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। जेलर ने बताया कि फरार बंदियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है और जल्द ही शेष 14 बंदियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जेल प्रशासन का यह कदम पैरोल प्रक्रिया को और पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।