जय हो केदारनाथ! भक्तों के लिए खुले बाबा के धाम के द्वार, 108 क्विंटल फूलों से महका मंदिर परिसर, उमड़ा आस्था का सागर
मुख्यमंत्री धामी ने भी टेका मत्था, 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए प्रथम दर्शन, भक्तिमय जयकारों से गुंजायमान हुई केदार घाटी

कपाट खुलने के इस अलौकिक क्षण का अनुभव करने के लिए केदारनाथ धाम में आस्था का एक अद्भुत संगम देखने को मिला। 15 हजार से अधिक श्रद्धालु इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस महत्वपूर्ण अवसर पर केदारनाथ धाम में उपस्थित रहे और उन्होंने भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया। जैसे ही मंदिर के पवित्र द्वार खुले, वहां उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने एक साथ “जय बाबा केदार” के गगनभेदी जयकारे लगाए, जिससे पूरी केदार घाटी भक्ति और श्रद्धा की मधुर ध्वनि से गुंजायमान हो उठी।
दिव्य फूलों से सजा केदारपुरी, डोली के आगमन पर भक्तों ने किया भव्य अभिनंदन

कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर, गुरुवार शाम को बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली केदारनाथ धाम में धूमधाम से पहुंची थी। डोली के केदारनाथ पहुंचने पर भक्तों ने भावभीना स्वागत किया और उसे मंदिर के भंडार गृह में विधिवत विराजमान किया गया। इस विशेष अवसर की महत्ता को बढ़ाते हुए, केदारनाथ मंदिर को 108 क्विंटल विभिन्न प्रकार के सुगंधित और रंग-बिरंगे फूलों से अत्यंत आकर्षक और दिव्य रूप में सजाया गया था, जिसने पूरे धाम की सुंदरता को और भी अधिक बढ़ा दिया था। उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से जब बाबा की डोली केदारनाथ के लिए रवाना हुई थी, तभी से हजारों श्रद्धालु भक्तिभाव से पैदल यात्रा करते हुए डोली के साथ-साथ केदारनाथ पहुंचे थे।
अगले छह माह तक चलेगी चारधाम यात्रा, शीतकालीन यात्रा की सफलता ने बढ़ाया उत्साह
गौरतलब है कि चारधाम यात्रा के अन्य दो महत्वपूर्ण धामों, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट पहले ही, 30 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। अब 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की यह पवित्र चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से शुरू हो जाएगी। यह आध्यात्मिक यात्रा अगले छह महीने तक चलेगी और अक्टूबर-नवंबर के महीने में संपन्न होगी, जिसके बाद इन सभी धामों के कपाट अगले छह महीनों के लिए शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। हालांकि, शीतकाल में भी श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा शीतकालीन चारधाम यात्रा का संचालन किया जाता है, जिसमें इस वर्ष भी बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया था, जिससे इस ग्रीष्मकालीन यात्रा के लिए भी श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।