
कुलसचिव पर लगे गंभीर आरोप, राज्यपाल के पास शिकायत पहुंचते ही मचा हड़कंप
जबलपुर, यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में है। औषध संकायाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल को शिकायत भेजी गई जिसके बाद विवि में हड़कंप मच गया है। शिकायत के बाद विवि अधिकारियों से सवाल-जवाब किया गया है।

मप्र छात्र संगठन अध्यक्ष अभिषेक पाण्डे ने राज्यपाल को 5 पेज की शिकायत भेजी है जिसमें औषध संकायाध्यक्ष डॉक्टर अजीत पाल सिंह की नियुक्ति को गलत ठहराया गया है। शिकायत में कहा गया है कि श्री सिंह औषध संकायाध्यक्ष बनने की योग्यता नहीं रखते हैं बाबजूद विवि अधिकारियों ने उनका नाम संकायाध्यक्ष के लिए राजभवन भेजा। जबकि ऐसे बहुत प्रोफेसर थे जो इस पद के लायक थे परंतु विवि अधिकारियों ने उनका नाम भेजना ठीक नहीं समझा।
आरक्षित वर्ग के प्रोफसरों के साथ भेदभाव
छात्र संगठन ने राज्यपाल को भेजी शिकायत में जिक्र किया है कि विवि अधिकारियों ने आरक्षित वर्ग के प्रोफसरों के साथ भेदभाव किया है। संकायाध्यक्ष नियुक्ति के लिए पांच वरिष्ठ अधिकारियों के नाम भोपाल राजभवन नहीं भेजना यह दर्शाता है कि विवि अधिकारी फर्जीवाड़े को बढ़ावा देना चाहते हैं।
कुलसचिव पर लगाए आरोप
छात्र संगठन नेता अभिषेक पाण्डे ने 5 पेजों की शिकायत में सीधे तौर पर कुलसचिव डॉक्टर पुष्पराज बघेल पर आरोप लगाते हुए बताया कि कुलसचिव ने जानबूझकर ऐसे अधिकारी को संकाायाध्यक्ष बनाया है जो उनके इशारो ं पर काम करें। जबकि डॉक्टर एलएल अहिरवाल, डॉक्टर नितिन मरवा, डॉक्टर रीता मरवा,डॉक्टर उत्कर्ष कल्याणकार, डॉक्टर आरके तिवारी,डॉक्टर ओपी व्यास संकायाध्यक्ष बनने की पूरी योग्यता रखते हैं क्योंकि इन सभी डॉक्टरों के पास वरिष्ठता है।