
जबलपुर, यशभारत। तन्खा मेमोरियल ट्रस्ट की रजत जयंती पर मानस भवन में आयोजित जस्टिस जेएस वर्मा स्मृति व्याख्यानमाला के कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा जस्टिस जेएस वर्मा के द्वारा दिए गए फैसले हमेशा न्यायसंगत रहते थे। उनका कार्यकाल कभी भी भुलाया नहीं जा सकता हैं। आज मुझे मध्यप्रदेश की धरती में आने का सौभाग्य मिला हैं। उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने न्यायाधीश जेएस वर्मा की न्यायिक प्रज्ञा, ज्ञान और संवैधानिक मर्यादा का स्मरण किया। धर्मो रक्षति रक्षित: की व्याख्या करते हुए न्यायिक पारदर्शिता की आवश्यकता रेखांकित की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जस्टिस वर्मा जब राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से तो मैं उस समय वार का अध्यक्ष था और वह बहुत कठिन दौर था उस दौरान जस्टिस वर्मा ने पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया और उनके निर्णय मिसाल बने और जब जस्टिस वर्मा सुप्रीम कोर्ट गए तो मैं भी सुप्रीम कोर्ट वकालत करने चला गया । उपराष्ट्रपति के द्वारा जस्टिस वर्मा के कार्यकाल में विशाखा गाइडलाइन व निर्भया केस के द्वारा दिए गए सुझावों पर भी अपनी बात कही और उन्हें ऐतिहासिक निर्णय बताया।

दीप प्रज्वलन से आगाज
इसके पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ,राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस रवि मालिमठ और सुप्रीम कोर्ट ने जज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। यहां स्टेट बार चेयरमैन डा. विजय कुमार चौधरी, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस जेके माहेश्वरी, पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर मौजूद रहे। विवेक कृष्ण तन्खा ने स्वागत किया। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कॉफी टेबल बुक भेंट की।
जस्टिस वर्मा का व्यक्तित्व उनके निर्णयों में साफ दिखता था- जस्टिस कौल
जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि इस कार्यक्रम में बोलने के मौका मिलने पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं । उन्होंने भारतीय न्याय व्यवस्था में जस्टिस वर्मा के योगदान पर व्याख्यान दिया । इस दौरान उन्होंने उनके समय दिए गए निर्णय का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी और जस्टिस वर्मा का व्यक्तित्व उनके निर्णयों में साफ दिखता था इसके अलावा उन्होंने भी जस्टिस वर्मा के द्वारा महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा और समानता के अधिकार के लिए बनाई गई विशाखा गाइडलाइन का जिक्र किया । साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा उठाए गए महिला सुरक्षा मामले का भी उल्लेख किया। बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराध के विषय में इसे न्याय व्यवस्था के साथ-साथ एक नैतिक और सामाजिक विषय भी बताया और उन्होंने कहा कि हम ऐसे कितने लोगों को फांसी टांग सकते हैं इसके लिए समाज को भी बदलना होगा
अपने फैसले के लिए जाने जाते थे: चीफ जस्टिस मालीमठ
मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस रवि मलीमठ ने जस्टिस जे एस वर्मा का परिचय देते हुए। उनके फैसलों का जिक्र किया। जस्टिस वर्मा के मुख्य फैसलों में ऐतिहासिक विशाखा फैसला। विशाखा गाइडलाइन को उन्होंने न्याय व्यवस्था व महिलाओं के लिए मील का पत्थर बताया। इसी के बाद सरकार ने कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा दिशा-निर्देश तय किए।1994 में एसआर बोमई मामले में राष्ट्रपति के विधानसभा भंग करने के अधिकार को परिभाषित किया।आर्म्स एक्ट के तहत 1997 में संजय दत्त के खिलाफ फैसला सुनाया।1996 में निलावती बेहरा की चिट्टी को पीआईएल मानते हुए फैसला सुनाया ।1994 में जमाते इस्लामी को गैरकानूनी घोषित करने के सरकार के फैसले को खारिज कर दिया।
वकील केस फाइल करने के पहले एक बार उसे जरुर पढ़ें:तन्खा
जस्टिस वर्मा मेमोरियल कमेटी के चेयरमैन और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा सन 1970 और 80 में मध्यप्रदेश के जज रहे हैं। जो अपने फैसलों के लिए आज भी जाने जाते हैं। सभी उनके फैसलों से डरते थे। जस्टिस वर्मा वकील होते हुए अच्छे तर्क रखा करते थे। यहीं वजह रही है कि जूनियर जस्टिस वर्मा के नाम से कांप जाते थे। उन्होंने एक वाक्या का जिक्र करते हुए कहा कि एक मामले की फाइल में साइन नहीं किए और उसे पढ़े बिना जस्टिम वर्मा के पास भेज दिया। जब जस्टिस ने मेरी केस की फाइल पढ़ी और उसमें देखा तो साइन नहीं थे बढ़े नाराज हुए, उन्होंने कहा बगैर पढ़े फाइल स्वीकार नहीं की जाएगी। इसके बाद से मैंने हमेशा केस फाइलों को पढ़ा और उसमें साइन करने के बाद उसे भेजना शुरू किया। श्री तन्खा ने कार्यक्रम में अधिवक्ताओं से कहा कि जो सीख उन्हें मिली है वह सभी अधिवक्ता आत्मसात करें और अपने केस की फाइल को बगैर पढ़े किसी भी जस्टिस के पास न भेजें। वहीं राज्यसभा सांसद तंखा ने गर्वनर मंगूभाई पटेल को संवेदनशील राज्यपाल बताया और सीएम शिवराज सिंह चौहान के 15 वर्ष में किए गए स्वास्थ्य के प्रति कार्य और योजना की प्रशंसा की।
एयरपोर्ट में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया
उपराष्ट्रपति धनखड़ को जबलपुर डुमना एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। एयरपोर्ट पर पर्यटन निगम के अध्यक्ष विनोद गोंटिया, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष जितेंद्र जमादार,राज्य सभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि, विधायक अजय बिश्नोई, अशोक रोहाणी, सुशील इंदु तिवारी, पूर्व विधायक व मंत्री शरद जैन, हरेंद्र जीत सिंह बब्बू, नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान कमिश्नर बी चंद्रशेखर, आई जी उमेश जोगा, डी आई जी, आर आर परिहार, कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी व पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।