
जम्मू पर पाकिस्तान का बड़ा हमला नाकाम:
गुरुवार रात को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बड़ा हमला करने की कोशिश की। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भारतीय सुरक्षा बलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आठ पाकिस्तानी मिसाइलों को हवा में ही रोक दिया और कई ड्रोन को भी नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई में किसी भी भारतीय सैन्य या नागरिक संपत्ति को नुकसान की खबर नहीं है।
रक्षा मंत्री ने बुलाई उच्च-स्तरीय बैठक:
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार सुबह तीनों सेना प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की स्थिति पर गहन चर्चा हुई।
सीमावर्ती इलाकों में गोलाबारी और नुकसान:
हालांकि भारत ने बड़े हमलों को विफल कर दिया, लेकिन पाकिस्तान की ओर से सीमावर्ती इलाकों में गोलाबारी जारी है। उरी में पाकिस्तानी सेना द्वारा रात में की गई गोलाबारी में एक महिला की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इसके अलावा, नियंत्रण रेखा के पास के गांवों में नागरिक घरों और संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें और मलबा देखा जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर और पंजाब में हाई अलर्ट:
तनाव को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एहतियात के तौर पर आज और कल (9 और 10 मई) सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं, चंडीगढ़ में संभावित हवाई हमले की चेतावनी के बाद सायरन बजाए गए और लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी गई है। पंजाब के अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, जालंधर, गुरदासपुर और होशियारपुर जैसे सीमावर्ती जिलों में बृहस्पतिवार रात को ब्लैकआउट रहा, जिससे लोगों में चिंता का माहौल बना रहा।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अमेरिका ने चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। दोनों नेताओं से बातचीत में रुबियो ने तत्काल तनाव कम करने और संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए अमेरिकी समर्थन भी व्यक्त किया। वहीं, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस युद्ध में अमेरिका शामिल नहीं होगा।
भारत का रुख:
भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा किसी भी नापाक मंसूबे का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा। सेना राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बातचीत में सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की लक्षित और संतुलित प्रतिक्रिया को रेखांकित किया और तनाव बढ़ाने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से मुकाबला करने की बात कही।
आगे क्या:
भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनावपूर्ण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। दोनों देशों की ओर से उठाए जा रहे कदम और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या कूटनीतिक प्रयास इस बढ़ते तनाव को कम करने में सफल हो पाते हैं या नहीं।