नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारो
रोजाना मरीजों की लग रही भीड़, पानी से लेकर बैठने तक की व्यवस्था नहीं

जबलपुर, यशभारत। महाकौशल का सबसे बड़ा नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। डीन लगातार मेडिकल के विभिन्न विभागों का निरीक्षण कर रहे हैं ठीक भी है परंतु इससे व्यवस्थाएं सुधरने वाली नहीं है, क्योंकि रोजाना हजारों की तादद में मरीज पहंुच रहे हैं परंतु उनके इलाज पर लापरवाही की जा रही है, पीने के पानी से लेकर बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। लंबी-लंबी लाइन ओपीडी पर्ची कटवाने में देखी जा सकती है, घंटों परेशान होने के बाद ओपीडी पर्ची बन पा रही है।
व्यवस्थाएं सुधारने के नाम पर सिर्फ दिखावा
मेडिकल अस्पताल में मरीजों के हितों के लिए आज तक कोई काम होता नहीं दिख रहा है। मरीज और उनके परिजन पीने के पानी को तरस रहे हैं, अधिकारी से लेकर डॉक्टर कूलर की हवा ले रहंे हैं परंतु मरीज और उनके परिजनों को बैठने तक की जगह नसीब नहीं हो रही है। सवाल उठना लाजिमी है, क्योंकि ओपीडी पर्ची से लेकर विभिन्न जांच कराने और उसकी रिपोर्ट प्राप्त करने में मरीज उनके परिजनों को पसीना आ जाता है।
किस काम की सुरक्षा एजेंसी की हेल्पडेस्क
मरीजों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मिले इसके लिए सरकार ने सुरक्षा एजेंसी नियुक्त की है। इस एजेंसी के तहत हेल्पडेस्क और सुरक्षा गार्डों को मरीजों की मदद के लिए तैनात किया गया है। परंतु जानकर हैरानी होगी हेल्प डेस्क से लेकर सुरक्षा कर्मी सिर्फ 8 घंटे की नौकरी करने मेडिकल पहंुच रहे हैं इन्हें मरीजों की दुख-दर्द तकलीफ से कोई मतलब नहीं।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में महिला सुरक्षाकर्मी की गुंडागर्दी
गुरूवार को सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में उस समय हंगामा मच गया जब एक महिला सुरक्षा कर्मी ने मरीज के परिजनों के साथ बेवजह से अभद्रता शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि महिला सुरक्षा कर्मी रोजाना मरीज और परिजनों को बेवजह परेशान करती है। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि इसकी जानकारी सुरक्षा एजेंसी के कर्ता-धर्ताओं को भी है परंतु उनके द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।