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आंखें स्वस्थ रखनी है तो हाथ साफ रखें :डॉ अखिलेश नेमा,प्राइम टाइम विद आशीष शुक्ला में आंखों की बढ़ती समस्याओं को लेकर चर्चा

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नेत्र विशेषज्ञ अखिलेश नेमा का साक्षात्कार करते यश भारत के संस्थापक आशीष शुक्ला 

जबलपुर यश भारत। किसी भी वायरस को आँखों तक पहुंचाने के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है बिना किसी माध्यम के कोई भी वायरस हमारी आंखों तक नहीं पहुंच सकता। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं हमारी उंगलिया जिन्हें हम बार-बार अपनी आंखों के पास ले जाते हैं । उनके माध्यम से वायरस हमारी आंखों तक पहुंच जाता है, इसलिए जरूरी है की आंखों को स्वस्थ रखने के लिए हम हाथों का हाइजीन मेंटेन करें ।यह कहना है जाने-माने नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अखिलेश नेमा का। जो प्राइम टाइम विद आशीष शुक्ला में वर्तमान समय में आंखों में आ रही समस्याओं को लेकर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने स्वस्थ आंखों के कुछ मंत्र भी दिए, जिन्हें अपना कर आप आंखों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं । इस पूरे इंटरव्यू को यश भारत न्यूज़ चैनल के साथ-साथ यश भारत के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विस्तार से देखा जा सकता है।

 

               चश्मा लगाना अच्छा है

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चर्चा के दौरान डॉक्टर अखिलेश ने बताया कि वर्तमान समय में लगभग 90% लोगों को चश्मा लग रहा है लेकिन बहुत सारे लोग इसे सही तरीके से नहीं लगते हैं यदि बाहर निकलते समय चश्मे का उपयोग किया जाए तो 90% तक एलर्जी से बचा जा सकता है क्योंकि वर्तमान समय में धूल और प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है यदि लोग चश्मा लगाकर घर से बाहर निकले तो वह इसे सुरक्षित रह सकते हैं जिन लोगों को नजर की चश्मा नहीं लगते हैं वह भी जीरो नंबर का चश्मा लगाकर ही घर से निकले जिससे उनकी आंखें सुरक्षित रहेगी।

                  हर उम्र में कराए परीक्षण

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साक्षात्कार के दौरान कार्यक्रम संचालक आशीष शुक्ला द्वारा सवाल किया गया कि लोगों को कब-कब आंखों का परीक्षण करना चाहिए। इसके जवाब में डॉक्टर अखिलेश ने बताया कि सबसे पहले तो 5 साल के बच्चे का परीक्षण बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इस उम्र में बच्चों को निकट दृष्टि और दूर दृष्टि की समझ नहीं होती है ऐसे में बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाना जरूरी है। क्योंकि वर्तमान समय में ज्यादातर बच्चे मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन के सामने रहते हैं और फिजिकल एक्टिविटी कम होती है। ऐसे में मायोपिया की समस्या सबसे ज्यादा सामने आ रही है। उसके बाद जब बच्चा 17 – 18 साल का होता है तो उस दौरान भी कोई समस्या न होने पर भी सामान्य रूप से डॉक्टर से परीक्षण कर लेना चाहिए। क्योंकि वर्तमान समय में बच्चे ज्यादातर समय स्क्रीन के सामने ही विताते हैं, ऐसे में ड्राई आइस की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। उसके बाद 25 से 40 की उम्र में आवश्यक रूप से नेत्र विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए क्योंकि ज्यादातर लोगों को इसी समय पास और दूर के चश्मा लगाते हैं। जिसके लिए डॉक्टर से चेकअप कराना बहुत जरूरी है । किसी भी दुकान में जाकर अंदाजन चश्मा नहीं बनवा लेना चाहिए, क्योंकि इस उम्र में दृष्टि दोष के साथ-साथ अन्य बीमारियां भी आंखों में घर करना शुरू कर देती है। यदि उनका समय रहते नहीं पकड़ा जाता तो बाद में वह घातक रूप ले लेती हैं।Screenshot 2024 08 08 14 33 50 76 92460851df6f172a4592fca41cc2d2e6

          शुगर के मरीज रखें विशेष ध्यानScreenshot 2024 08 08 14 30 20 31 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12

जिन लोगों को शुगर की बीमारी है उन्हें विशेष रूप से अपनी आंखों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। उन्हें हर साल फंगस टेस्ट करना ही चाहिए और साल में एक बार डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है। क्योंकि शुगर की बीमारी के चलते आंखों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है । यदि समय रहते इसका उपचार नहीं किया जाता है तो फिर आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा रहता है । साथ ही साथ डॉक्टर अखिलेश नेमा ने खानपान पर भी विशेष ध्यान देने की सलाह दी है। जिसमें रोगियों के साथ-साथ सामान्य लोगों को भी भोजन में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां फल ड्राई फ्रूट का उपयोग करना चाहिए।IMG 20240808 WA0059

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