कोरोना काल में किये गये ऑफलाइन राशन वितरण की 56 लाख रूपये की वसूली मामले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जारी किये नोटिस
जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर जस्टिस विनय सराफ की एकलपीठ ने जिला पन्ना निवासी राशन दुकान विक्रेता विनोद कुमार चतुर्वेदी द्वारा प्रस्तुत याचिका की सुनवाई करते हुये विक्रेता को राहत प्रदान की है माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कोरोना काल में किये गये ऑफलाइन राशन वितरण की 58 लाख रूपये की वसूली मामले पर रोक लगाई है एवं प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग, पंजीयक सहकारी संस्थाएं, कलेक्टर पन्ना, सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाए पन्ना, अनुविभागीय अधिकारी पन्ना एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पन्ना को नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है। यह मामला प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति बराछ जिला पन्ना के विक्रेता विनोद कुमार चतुर्वेदी की ओर से दायर किया गया था, जिसमें बताया गया कि उसके द्वारा केवल नवम्बर 2021 तक राशन दुकान बराछ का संचालन किया गया है जिसके प्रमाण मौजूद है एवं उसके बाद से किसी अन्य विक्रेता द्वारा दुकान का संचालन किया जा रहा है एवं उसकी कोई जबावदारी वर्तमान में नहीं है तथा कोरोना सत्र के दौरान शासन द्वारा पी.ओ.एस. मशीनों के उपयोग में छूट दी गई थी और कोरोना काल में किसी भी विक्रेता ने पी.ओ.एस. मशीनों का उपयोग नहीं किया था जिसका स्टॉक मशीनों में वर्तमान में दर्ज है जो सही नहीं हुआ है जबकि अनुविभागीय अधिकारी पन्ना एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पन्ना ने स्वयं अपने आदेश दिनांक 03.10.2023 के द्वारा विक्रेता की राशन दुकान में दर्ज स्टॉक के संशोधन हेतु कलेक्टर पन्ना को पत्र प्रेषित किया था परन्तु अधिकारियों ने स्वयं के आदेशों को दरकिनार करते हुए याचिकाकर्ता के विरुद्ध लगभग 56 लाख रूपये की वसूली का आदेश पारित कर दिया गया जिसकी अपील याचिकाकर्ता द्वारा कलेक्टर पन्ना के समक्ष भी प्रस्तुत की थी परन्तु उसे भी बिना सुनवाई का अवसर दिये खारिज कर दिया गया ।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुघोष भमोरे, निशांत मिश्रा ने पक्ष रखा, उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोरोना काल के दौरान पी.ओ.एस. मशीनों के उपयोग में छूट दी गई थी और कोरोना काल में किसी भी विक्रेता ने पी.ओ.एस. मशीनों का उपयोग नहीं किया था जिसका स्टॉक मशीनों में वर्तमान में दर्ज है जो सही नहीं हुआ है एवं पी.ओ.एस. मशीनों के स्टॉक में सुधार न होने से विक्रेता के विरुद्ध लगभग 56 लाख रूपये की वसूली का आदेश पारित कर दिया गया जिसकी अपील भी याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत की गई थी परन्तु उसे भी बिना सुनवाई का अवसर दिये खारिज कर दिया गया जबकि विक्रेता द्वारा कोरोना काल में किये गये खाद्यान्न वितरण के संबंध में समस्त प्रमाण एवं साक्ष्य मौजूद है तथा याचिकाकर्ता द्वारा केवल नवम्बर 2021 तक राशन दुकान का संचालन किया गया है उसके बाद से किसी अन्य विक्रेता द्वारा दुकान का संचालन किया जा रहा है एवं वर्तमान में उसकी कोई जबावदारी नहीं है।