प्राथमिक शिक्षकों के रूप मे बीएड डिग्री धारियों के नियुक्तियों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 2 नवंबर को याचिकाओं के अंतिम सुनवाई

जबलपुर – मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बैच द्वारा दिनांक 7/7/22 को पारित अंतरिम आदेश के प्रवर्तन के दौरान, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग तथा ट्रायबल बेलफेयर डिपार्टमेंट मे कुल 28 हजार से अधिक नियुक्तियों मे से लगभग 15 हजार से अधिक बीएड डिग्री धारियों को प्राथमिक शिक्षक के रूप मे नियुक्तियां दी गई हैं जबकि प्राथमिक शिक्षकों क़ी भर्ती मे बीएड डिग्री धारियों को सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 11/8/23 को फैसला पारित करके स्पष्ट कर दिया गया हैं क़ी बीएड डिग्री धारी प्राथमिक शिक्षकों के रूप मे अयोग्य हैं और यदि इन्हे नियुक्त किया जाता हैं तो संविधान के अनुच्छेद 21-A के तहत प्रदत्त शिक्षा के अधिकार सहित, राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 का उल्लंघ्न हैं एवं कक्षा 1 से कक्षा 5 तक पड़ने बाले 6 से 14 साल क़ी आयु के छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन होगा क्युकि उक्त आयु के छात्रों को अध्यापन कार्य हेतु बीएड डिग्री धारी प्रकशित नहीं हैं! उक्त छात्रों को सिर्फ DLED एलिमेंट्री कोर्स धारको को प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए NCTE द्वारा उक्त पद के लिए निर्धारित योग्यता बाले परिपत्र 26/6/2018 को राजस्थान हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किया जा चूका हैं तथा उक्त परिपत्र दिनांक 28/6/2018 के अनुरूप किसी भी राज्य मे प्राथमिक शिक्षकों क़ी जो भी नियुक्तियां क़ी गई हैं वो सभी असंवैधानिक हैं !
👉आज दिनांक 04/10/2023 को जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वासनिक की खंडपीठ द्वारा उक्त समस्त याचिकाओ WP/13768/2022, WP /595/2023,WP /WP /21800/2023 तथा WP /22218/2023 क़ी एक साथ सुनवाई क़ी गई ! सुबह 10:30 से लगभग 12:30 तक सुनवाई चली हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम आदेश को निरंतर रखते हुए अगली अंतिम सुनवाई 02/11/23 नियत क़ी हैं ! याचिका कर्ताओ क़ी ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विज्ञानं शाह ने क़ी ! इंटरवीन कर्ताओ क़ी ओर से पैरवी इन.एस.रूपराह तथा मनोज रजक एवं के.सी.घिडयाल ने क़ी !