टीएनसीपी में अटक रही फाइले एक अधिकारी पर पांच कार्यालयों का बोझ
जबलपुर यश भारत। शहर विकास और शहर की बनावट को लेकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उठाने वाली संस्था टाउन एंड कंट्री प्लानिंग मैं 6 माह से पूर्ण कालिक ज्वाइन डायरेक्टर की नियुक्ति नहीं हुई है। जिसके चलते कई प्रोजेक्ट लटके हुए हैं। जिस कारण भोपाल संयुक्त संचालक को जबलपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अतिरिक्त प्रभार के चलते वे जबलपुर पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और प्रकरण लंबित होते जा रहे हैं, जब की जबलपुर जैसे बड़े और विकासशील शहर के लिए इतने महत्वपूर्ण पद पर पूर्ण कालिक अधिकारी की आवश्यकता है।
दो बार ही आए हैं जबलपुर
जानकारी के मुताबिक संयुक्त संचालक जबलपुर के सेवानिवृत होने के बाद भोपाल संयुक्त संचालक अमित गजभिए को जबलपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। इसके बाद से वे पिछले 6 महीने में दो बार ही जबलपुर आए हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के सभी कार्य भोपाल के भरोसे चल रहे हैं। जब फाइल उनके पास भोपाल पहुंचती है उसके बाद उसमें काम होता है। ऐसे में लंबित मामलों की संख्या का अंदाजा लगाया जा सकता है।
यह है कारण
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के संयुक्त संचालक अमित गजभिए के पास जबलपुर, भोपाल , ग्वालियर और रीवा के संयुक्त संचालक का पदभार है। ऐसे में वे चार प्रमुख शहरों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं । इसके अलावा सप्ताह में तीन दिन नगरीय प्रशासन मंत्री के पास भी उनकी तैनाती स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर के रूप में रहती है। जबकि एक अधिकारी पांच कार्यालय की जिम्मेदारी उठा रहा है। तो ऐसे में उन से कितने कार्य की उम्मीद की जा सकती है। जबकि संयुक्त संचालक के पास भोपाल जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों की जिम्मेदारी है और फिर उसके बाद मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है तो फिर कार्य तो प्रभावित होगा ही।