जबलपुर में पिता का दर्द, बेटे को संपत्ति से किया बेदखल, मरने पर भी आंसू न बहाए नोटरी कराके बेटियों के नाम पर की संपत्ति

जबलपुर, यशभारत। कहते इस जीवन में औलाद अगर अच्छी निकल जाए तो मां-बाप को सारे तीर्थों का लाभ मिल जाता है परंतु वहीं औलाद गलत रास्तों में चलने लगे तो उसे बड़ा कोई दूसरा दुख नहीं है। इसी तरह का एक मामला जबलपुर से 20 किलोमीटर दूर बरेला में सामने आया है। एक पिता ने अपने बेटे की हरकतों से परेशान होकर उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया इतना ही नहीं सारी संपत्ति में हकदार अपनी दो बेटियों को बनाया है। पीड़ित पिता ने नोटरी कराके इस बारे में कलेक्टर सहित समस्त प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया है।
बरेला वार्ड क्रमांक 15 पुरानी चक्की निवासी रमेशचंद्र चौरसिया ने शपथ पत्र में नोटरी कराके कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को बताया कि वह अपने पुत्र सचिन चौरसिया की हरकतों से परेशान हो चुका है। घर की मान मर्यादा को बचाने का जिम्मा जिस पुत्र को दिया उसने ही सारे रिश्तों को तार-तार कर दिया। मना करने के बाद भी ऐसे काम किए कि वह अपना मुंह समाज में दिखाने लायक नहीं बचा है। पुत्र की हरकतों के कारण वह उससे दूर अपनी बड़ी बेटी के यहां रह रहे हैं।
अंतिम संस्कार में भी न आए मेरा बेटा
पीड़ित पिता रमेशचंद्र चौरसिया ने दबी आवाज और निराश होकर कलेक्टर को शिकायत में बताया कि जिस जीवन की कल्पना उसने की थी उसे बेटे ने चकनाचूर कर दिया। एक पिता को फर्ज पूरी तरह से निभाया परंतु बेटा अपना दायित्व भूल गया , बेटे की हरकतों से इतना तंग आ चुका हूं कि वह मेरे मरने पर भी अंतिम संस्कार कार्यक्रम में न पहंुचे ऐसी गुहार लगाता हूं। बेबस पिता का कहना है कि मैंने सारी संपत्ति का हकदार अपनी बड़ी बेटी सोनम और निधि चौरसिया को बनाया है। बेटे की पत्नी या फिर उसकी संतान मेरी संपत्ति में कोई हक नहीं रहेगा।
पुत्र अधिकार से मुक्त किया, कोई रिश्त नहीं मेरा
पीड़ित पिता ने शपथ पत्र में कहा कि उसने अपने पुत्र को सारे अधिकारों से मुक्त कर दिया है, अब उससे मेरा कोई रिश्ता नहीं है। मेरे जिंदा रहने तक संपत्ति का हकदार खुद रहूंगा और मरने के बाद मेरी सारी ज्यादत बेटियों की रहेगी, पुत्र अगर इसमंें किसी भी तरह का हक जमाता है तो शून्य माना जाएगा।