ड्रग विभाग ने कटारिया फार्मासिटिकल्स पर मारी रेड
छिंदवाड़ा में कफ सीरप पीने से 6 बच्चों की मौत का मामला

जबलपुर। छिंदवाड़ा जिले में कफ सीरप पीने से छह बच्चों की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। इस मामले में जबलपुर के कटारिया फार्मासिटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर की भूमिका सामने आने पर ड्रग एंड औषधि विभाग की पांच सदस्यीय टीम ने ओमती थाना अंतर्गत कफ सिरप डिस्टिब्यूटर कटारिया फार्मासिटिकल्स में दबिश दी है। जानकारी के अनुसार कटारिया फार्मासिटिकल्स द्वारा चेन्नई की एक दवा कंपनी से 660 कोल्ड्रिफ कफ सीरप की खेप मंगवाई गई थी जिनमें से 594 बॉटल छिंदवाड़ा के मेडिकल स्टोर्स को सप्लाई की गईं। ड्रग विभाग की जांच में यह सामने आया है कि जबलपुर के कटारिया डिस्ट्रीब्यूटर ने छिंदवाड़ा की न्यू अपना एजेंसी, आयुष फार्मा और जैन मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स को यह कफ सीरप सप्लाई किया था।
कटारिया फार्मासिटिकल्स के संचालक ने बताया कि उनके द्वारा चेन्नई की कंपनी से 660 कोल्ड्रिफ कफ सीरप की शीशियां मंगाई गई थी। जिसमें से सिरप की 594 शीशियां छिंदवाड़ा के तीन स्टॉकिस्ट को जबलपुर से भेजी गई थी। शेष 66 शीशियां बची हुई थी, जिसमें से 16 शीशियों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। वहीं बची हुई शीशियों को सील कर दिया गया है। उन्होंने ने स्पष्ट किया कि उक्त कफ सिरप की सप्लाई जबलपुर में कहीं भी नहीं की गई थी।
गौरतलब है कि छिंदवाड़ा में एक महीने के अंदर किडनी फेल होने के कारण मासूम बच्चों की लगातार हो रही मौतों से हड़कंप मच हुआ हैं। शुरूआत में ये मौसमी बुखार के सामान्य मामले लग रहे थे। लेकिन अब ये मामले जानलेवा रूप ले चुके हैं। इस बीच दिल्ली से आयी जांच टीम ने प्रारंभिक तौर पर पाया मौतों के पीछे बुखार-सर्दी खांसी में दिए जाने वाले सिरप के कारण हो रही है। जिसके बाद डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप के बैचों की तत्काल जांच की गई। राज्य भर में सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।







