Ram Mandir Pran Pratishtha: कंठ में करुणा, नयन में अश्रु, अंजुरि में उल्लास, चित्त है भावविभोर…
भारत की पवित्र भूमि ने पथराई आंखों से जिस क्षण की प्रतीक्षा पांच सौ वर्षों तक की, आज वही मंगल क्षण अयोध्या में घटित होने जा रहा है। यह प्रतीक्षा केवल अयोध्या की नहीं थी, बल्कि अटक से कटक और लद्दाख से लक्षद्वीप तक समूचे भारत ने एक साथ की। इन प्रतीक्षाओं में हमारे इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर सरीखे उदारमना शहर भी साझीदार रहे।
जब-जब राष्ट्र ने पुकारा, तब-तब मध्य प्रदेश के जन-जन ने अपना रक्त, प्राण, मज्जा, समय आदि सबकुछ समर्पित किया। उसी समर्पण का प्रतिफल है कि साकेतधाम अवधपुरी में रणरंगधीर श्रीराम का नव्य-भव्य मंदिर बनकर तैयार है और आज प्रभु श्रीराम वहां अपने विग्रह में प्रतिष्ठित होंगे।
आज यह केवल सनातन धर्म का उत्सव नहीं बल्कि देश के प्रत्येक जन का, मन का, तन का और जीवन का उत्सव है। इसी उत्सवी उल्लास में आज सज गए हैं इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित समूचे मध्य प्रदेश के प्रत्येक गांव और नगर के गली-मोहल्ले। आज हर कोना-कंगूरा रामनाम के दीपक से प्रज्वलित हो उठेगा। आज अंधकार परास्त होगा, उजास की पुन: विजय होगी और आज घर-घर में पुन: दीपावली मनाई जाएगी। आज हम सबके मन में बस यही गूंज रहा है-