5वीं, 8वीं में फेल होने वाले बच्चे नहीं होंगे प्रमोट, बच्चों की शिक्षा पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्ली: बच्चों की शिक्षा पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म कर दी. अब 5वीं, 8वीं में फेल होने वाले बच्चे प्रमोट नहीं होंगे. फेल होने पर अगली कक्षा में प्रमोट नहीं होंगे. फेल होने वाले छात्रों को दूसरा मौका मिलेगा.
बच्चों की शिक्षा पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला:
-केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला
-केंद्र सरकार ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ की खत्म
-5वीं, 8वीं में फेल होने वाले बच्चे नहीं होंगे प्रमोट
-फेल होने पर अगली कक्षा में नहीं होंगे प्रमोट
-फेल होने वाले छात्रों को दूसरा मौका मिलेगा
यह नियम 16 दिसंबर से हुआ है प्रभावी
16 दिसंबर से प्रभावी नए “नि:शुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार संशोधन नियम 2024” के तहत, कक्षा 5 और कक्षा 8 के छात्रों के लिए हर शैक्षणिक वर्ष के अंत में नियमित योग्यता-आधारित परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी.
यदि कोई छात्र पदोन्नति मानदंडों को पूरा करने में फेल रहता है, तो उसे अतिरिक्त निर्देश दिए जाएंगे और परिणाम घोषित होने के 2 महीने के भीतर फिर से परीक्षा देना होगा.
हालांकि, दोबारा परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को प्रमोट नहीं किया जाएगा.
शिक्षा सचिव ने बताया इसे रिजल्ट बेहतर करने वाला
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा कि नए नियम सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने में मदद करेंगे, साथ ही उन छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जो अकादमिक रूप से मजबूत नहीं हैं.
उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने फैसला किया है कि हर संभव प्रयास के बाद भी, अगर छात्रों को उस क्लास में रोकना जरूरी है, तो उन्हें रोका जा सकता है. हालांकि, कक्षा 8 तक किसी भी बच्चे को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा.”
उन्होंने कहा, “अगर कोई छात्र फेल हो जाता है, तो शिक्षक उसे 2 महीने की अतिरिक्त पढ़ाएंगे और केवल असाधारण मामलों में ही छात्र को प्रमोट करने से रोका जाएगा. सीखने के परिणामों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.”
संशोधनों में यह भी अनिवार्य किया है कि छात्रों को उनके सीखने के अंतराल को दूर करने के लिए विशेष इनपुट प्राप्त हों. परीक्षा प्रक्रिया योग्यता आधारित होगी, जो रटने के बजाय कंटेंट विकास सुनिश्चित करेगी.