
cases in tehsils from today: जबलपुर यशभारत। कलेक्टर दीपक सक्सेना की नवाचारी पहल के तहत नामांतरण के अविवादित प्रकरणों के निराकरण के लिये जिले में आज शुक्रवार से तहसील मुख्यालयों पर शिविरों के आयोजन का सिलसिला प्रारंभ हो गया है । नामांतरण के अविवादित प्रकरणों के निराकरण के लिये आज से लगाये जा रहे दो दिनों के जुलाई माह के पहले शिविरों में 4 हजार से अधिक प्रकरण निराकरण हेतु रखे जा रहे हैं ।

ज्ञात हो कि लोगों को राजस्व कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर न लगाना पड़े इसके लिये कलेक्टर दीपक सक्सेना ने नामांतरण के अविवादित प्रकरणों के निराकरण हेतु हर माह प्रत्येक तहसील मुख्यालय पर दो-दो शिविरों के आयोजन के निर्देश दिये हैं । कलेक्टर के निर्देश पर तहसील स्तर पर लगाये जा रहे माह के पहले शिविरों में निराकरण के लिये रखे जाने वाले प्रकरणों की सूची अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों द्वारा पूर्व में ही सार्वजनिक की जा चुकी हैं। दो दिनों के इन शिविरों में नामांतरण के रखे जाने वाले प्रत्येक प्रकरण का निराकरण किया जायेगा और शिविर में ही नामांतरण आदेश के साथ-साथ आवेदकों को खसरा और नक्शा की अद्यतन प्रति भी प्रदान की जायेगी ।
तहसील मुख्यालयों में इतने प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए (cases in tehsils from today:)
कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार से नामांतरण के अविवादित प्रकरणों के निराकरण के लिये तहसील मुख्यालयों पर लगाये जा रहे माह के पहले शिविरों में तहसील सिहोरा में 477, मंझौली में 491, पाटन में 81, कुंडम में 82, आधारताल में 1458, गोरखपुर में 674, रांझी में 121, जबलपुर में 757 तथा पनागर में 151 प्रकरण निराकरण के लिये रखे जा रहे हैं ।

पहला शिविर आज और दूसरा 20 से 21 तारीख को लगेगा (cases in tehsils from today:)
ज्ञात हो कि कलेक्टर दीपक सक्सेना ने राजस्व अधिकारियों को नामांतरण के अविवादित प्रकरणों के निराकरण के लिये तहसील स्तर पर हर माह दो शिविर लगाने के निर्देश दिये हैं । निर्देशों में राजस्व अधिकारियों से कहा गया है कि माह का पहला शिविर माह की 5 एवं 6 तारीख को तथा दूसरा शिविर 20 एवं 21 तारीख को लगाया जाये। नामांतरण के अविवादित प्रकरणों के निराकरण के लिये शिविरों के आयोजन के बारे में कलेक्टर श्री सक्सेना ने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं। जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार निराकरण हेतु चिन्हित अविवादित नामांतरण के प्रकरणों की सूची अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों द्वारा तैयार की जायेगी। सूची में गत माह की 1 तारीख से लेकर 15 तारीख तक तथा 16 तारीख से 31 तारीख तक दर्ज हुये अविवादित नामांतरण के प्रकरण शामिल किये जायेंगे।

शिविरों की शुरुआत 5 जुलाई से हुई (cases in tehsils from today:)
अविवादित नामांतरण के प्रकरणों के लिये लगाये जाने वाले शिविरों की शुरुआत 5 जुलाई से हुई। ये शिविर शनिवार एवं रविवार के दिन भी आयोजित किये जायेंगे। यदि शिविर की तय तारीख सार्वजनिक अवकाश के दिन आती है तो शिविर का आयोजन अगले कार्य दिवस में किया जायेगा। अविवादित नामांतरण प्रकरणों के हेतु शिविरों के आयोजन के लिये तय दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि शिविर में निराकरण के लिए चिह्नांकित अविवादित नामांतरण प्रकरणों की अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्धारित प्रारूप में तैयार सूची को पीडीएफ फाइल में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी जारी किया जायेगा तथा चिह्नांकित सूची में प्रकरण प्रदर्शित नहीं होने के संबंध में आपत्ति प्रस्तुत की जा सकेगी। आपत्ति का निराकरण अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को ही करना होगा।

शिविर में ये शामिल किया गया है (cases in tehsils from today:)
नामांतरण के अविवादित प्रकरणों के निराकरण के लिये आयोजित किये जाने शिविरों में रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण, फौती आधार पर नामांतरण एवं साइबर तहसील में दर्ज नामांतरण प्रकरणों को शामिल किया जायेगा। रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण वाले प्रकरण में अधिकतम एक लिंक रजिस्ट्री और अधिकतम पाँच वर्ष पुराने प्रकरण विचारण में लिये जायेंगे। लिंक रजिस्ट्री के इतर प्रकरण निरस्त किए जाएंगे। इतर प्रकरण सक्षम न्यायालय से टाइटल डीड स्वीकृत होने की स्थिति में ही विचारण में लिये जा सकेंगे। जिले में कूट रचना कर फर्जी रजिस्ट्री तैयार करने के सामने आये प्रकरण को देखते हुये शिविर में केवल वही प्रकरण निराकरण हेतु लिये जायेंगे, जिनमें मूल रजिस्ट्री अवलोकन के लिए प्रस्तुत की जायेगी। मूल रजिस्ट्री प्रस्तुत करने के लिए क्रेता का उपस्थित होना जरूरी नहीं होगा। मूल रजिस्ट्री, क्रेता के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा भी प्रस्तुत की जा सकेगी।
कम से कम पाँच दिवस पूर्व प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा (cases in tehsils from today:)
आरसीएमएस, आईजीआरएस पोर्टल और एमपी ऑनलाइन पोर्टल से दर्ज नामांतरण के प्रकरणों में मूल दस्तावेज की फोटोकॉपी शिविर तिथि से कम से कम पाँच दिवस पूर्व प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा । मूल दस्तावेज की फोटोकॉपी प्रस्तुत नहीं होने अथवा विलंब से प्रस्तुत होने की स्थिति में ऐसे प्रकरणों को अगले शिविर में सुनवाई में लिया जायेगा । लगातार तीन सुनवाई तक मूल दस्तावेज की फोटोकॉपी प्रस्तुत नहीं करने पर प्रकरण को निरस्त कर दिया जायेगा। हालाकि कालांतर में मूल दस्तावेज की फोटो कॉपी प्रस्तुत होने पर प्रकरण को पुनः सुनवाई में लिया जाकर नियमानुसार निर्णय पारित किया जायेगा।
वंशावली सिजरा प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा
फौती नामांतरण के लिए आवेदकगण को शपथपत्र पर वंशावली सिजरा प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। ष्वंशावलीध्सिजराष् में बहनों अथवा अन्य विधिक वारिसान के नाम शामिल नहीं करने को धोखाधड़ी माना जायेगा और बिना किसी अपवाद के आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जायेगा। कलेक्टर श्री सक्सेना द्वारा शिविरों को लेकर जारी दिशा-निर्देशों में आवेदकों से भी अपेक्षा की गई है कि वे स्थानीय निकाय और पटवारी की रिपोर्ट तथा पंचनामा शिविर तिथि से तीन दिन पूर्व प्रकरण में प्रस्तुत करवा दें। पटवारी और स्थानीय निकाय इस विषय में वादी को पूर्ण सहयोग करेंगे। दिशा-निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि शिविर तिथि को स्थानीय निकाय और पटवारी की रिपोर्ट तथा पंचनामा न होने की वजह से प्रकरण निरस्त नहीं किए जाएँगे, बल्कि उसी दिन ये दस्तावेज तैयार किये जाकर प्रकरण को निराकृत किया जायेगा।
शिविर स्थल पर ही वितरित की जायेगी की प्रति cases in tehsils from today:
श्री सक्सेना द्वारा जारी निर्देशों में साफ कहा गया है कि शिविर में नामांतरण होते ही खसरा और नक्शा को अद्यतन किया जायेगा तथा आवेदक को खसरा और नक्शा की प्रति शाम 4 बजे से शिविर स्थल पर ही वितरित की जायेगी। शिविरों के संबन्ध में जारी दिशा-निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऋण पुस्तिका प्राप्त करने के लिये लोक सेवा केन्द्र पर निर्धारित शुल्क जमा कर पृथक से आवेदन जमा करना जरूरी होगा। आवेदन जमा करने पर आवेदकों को शिविर के अंतिम दिन अर्थात 6 अथवा 21 तारीख को ऋण पुस्तिका प्रदान की जायेगी । दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि शिविर के बाद प्रकरणों के निराकरण के बारे में जानकारी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्धारित प्रारूप में जारी करनी होगी।