कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत से भाजपा संगठन महामंत्री बनकर मांगे 5 लाख
राम निवास रावत को आया कॉल, क्राइम ब्रांच में ; आरोपी अरेस्ट

भोपाल, यशभारत। कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत से ऑनलाइन फ्राड की कोशिश हुई है। आरोपी ने भाजपा का राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बनकर कॉल किया था। पांच लाख रुपए की डिमांड की गई। रावत ने क्राइम ब्रांच में शिकायत कर दी। पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। बताया जाता है कि आरोपी मध्यप्रदेश का ही रहने वाला है।19 जुलाई को वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ने भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र से शिकायत की थी। उनके निर्देश पर क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में रावत ने बताया कि कुछ दिन पहले मोबाइल नंबर 9285127561 से कॉल आया था। कॉलर ने खुद को भाजपा के
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डी. संतोष का पर्सनल सेक्रेट्री बताया। कॉलर ने कहा, ‘ विजयपुर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में आपके लिए कुछ लोगों की व्यवस्था करा देंगे, जो आपका पूरा काम देखेंगे। हर व्यक्ति के हिसाब से पांच लाख रुपए लगेंगे।Ó दो-तीन बार तो रावत ने टाल दिया, लेकिन कॉलर का कई बार फोन आया। रावत ने बताया कि कॉलर ने किसी अन्य शख्स से भी बात कराई। उसने खुद को भाजपा का संगठन महामंत्री डी. संतोष बताया। वह धीरे-धीरे गंभीर आवाज में बात कर रहा था। हालांकि शक तो उसी वक्त हो गया था, जब उसने संगठन महामंत्री का नाम गलत बताया। क्योंकि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष हैं।
कैबिनेट मंत्री बनने के बाद रावत ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी मुलाकात की थी। रावत विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। उनके इस्तीफे के बाद वहां उपचुनाव होना है। 8 जुलाई को मंत्री बनने के बाद उनसे पैसे की मांग करने वाले चुनाव के लिए पैसे मांग रहा था। रावत ने बताया कि कॉलर कह रहा था कि चुनाव में आपकी मदद करते रहेंगे।
रावत ने स’चाई पता करने के लिए अपने स्तर पर स’चाई जानना चाही। जानकारी जुटाई, तो पता चला कि राष्ट्रीय संगइन मंत्री की ओर से ऐसा कोई कॉल नहीं किया गया है। रावत को पूरी बात समझ आ गई। इसके बाद उन्होंने शिकायत की।क्राइम ब्रांच ने धारा &19 (2) भारतीय न्याय संहिता एवं 66 (ष्ट) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज कर जांच शुरू की।
बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष हैं, जबकि वन मंत्री रावत से पैसे मांगने वाले ने खुद को डी. संतोष का पीए बताया। वहीं, जिस दूसरे शख्स से बात कराई, उसने खुद को डी. संतोष बनकर बात की।