
इंदौर, यशभारत। जीएसटी के बीते वर्षों के रिटर्न में हुई गलतियों के चलते जो इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल नहीं हो रहा था या उसे लौटाने की नौबत आ रही थी, उससे राहत मिलने जा रही है। दो दिन पहले हुई जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया है। खास बात है कि मप्र के व्यवसायियों और औद्योगिक संगठनों ने इस बारे में मांग उठाई थी। बीते दिनों इंदौर पहुंचे सीबीआइसी के सदस्य के साथ बैठक में इस बारे में प्रस्ताव दिया गया था। जीएसटी लागू होने के शुरुआती वर्षों में आपूर्ति संबंधित रिटर्न जीएसटीआर-1 भरने में कई व्यवसायियों से गलतियां हुई थीं। इस रिटर्न के आधार पर विभाग द्वारा जारी होने वाले फार्म जीएसटीआर-2ए में ऐसा विक्रय दिख नहीं रहा था। नियम है कि जीएसटीआर-2ए में नहीं नजर आने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट को विभाग अमान्य कर देता है। इस आधार पर बीते वर्षों के ऐसे इनपुट टैक्स क्रेडिट के क्लेम को अब विभाग अमान्य करते हुए कई व्यवसायियों से आइटीसी रिवर्स करवाया जा रहा था। इंदौर और प्रदेश के औद्योगिक संगठनों ने इस बारे में जीएसटी काउंसिल को ज्ञापन भेजे थे। 24 जून को सीबीआइसी के सदस्य राजीव तलवार इंदौर पहुंचे थे। उन्हें जीएसटी ग्रिवान्स व रिड्रेसल कमेटी के सदस्यों व प्रदेश के व्यापार संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी।