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यूपी में एक और पेपर लीक, अब रेलवे की परीक्षा में कांड, 4 लाख में सेट हो गया मामला

लखनऊ, एजेंसी। एक तरफ जहां योगी सरकार पेपर लीक को लेकर नकेल कस रही है. वहीं दूसरी तरफ विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते सरकार की कोशिशों में पलीता लग रहा है. ताजा मामला रेलवे डिपार्टमेंटल प्रमोशन के पेपर लीक का है, जिसमें केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई ने यह कार्रवाई रेलवे बोर्ड के विजिलेंस विभाग की शिकायत के आधार पर की है. आरोप है कि 6 अगस्त 2021 को आयोजित जनरल डिपाटर्मेंट कॉम्पिटेटिव एक्जाम के पेपर लीक हुए थे.
लखनऊ सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने परीक्षा देने वाले और पेपर लीक करने वाले 11 रेल कर्मियों पर मामला दर्ज किया है. रेलवे की विजिलेंस जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज हुआ है. इस मामले में सीबीआई ने राजस्थान और यूपी में 11 ठिकानों पर छापेमारी की है. जिन जगहों पर छापेमारी की गई है उनमें प्रयागराज, नोएडा ,अलीगढ़, मथुरा ,चित्रकूट, जयपुर, भरतपुर, करौली ,अलवर, सवाई माधोपुर शामिल है. छापेमारी के दौरान सीबीआई को अहम दस्तावेज भी मिले हैं. परीक्षा से एक दिन पहले गाजियाबाद के रेलवे स्टेशन के पास एक कमरे में प्रश्न के जवाब बताए गए थे. साथ ही अभ्यर्थियों से चार-चार लाख रुपए वसूले गए थे.
सीबीआई ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी अपटेक लि. को भी आरोपी बनाया है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज के रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा 6 अगस्त 2021 को आोजित डीजीसीई परीक्षा का पेपर लीक करके 50 से 60 अभ्यर्थियों को पढ़वाया गया था. जिन लोगों का एफआईआर में नाम है, उनमें ट्रैक मेंटेनर राजस्थान के भरतपुर के भूप सिंह, वेगराज, महावीर सिंह व प्रीतम सिंह, अलवर का जितेंद्र कुमार मीना, सवाई माधोपुर का प्रमोद कुमार मीना, टोंका का हंसराज मीना, अलीगढ़ का धर्म देव, करौली का प्रशांत कुमार मीना, जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य अभियंता कार्यालय का कार्यालय अधीक्षक मान सिंह का नाम शामिल है. इसके अलावा नोएडा का पार्सल पोर्टर मोहित भाटी शामिल है.

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