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अजब MP का गजब नर्सिंग काउंसिल, आजादी से पहले की तारीख में किए छात्राओं के एडमिशन

मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल में चल रही गड़बड़ियों पर NSUI का विरोध, रजिस्ट्रार व अन्य भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

प्राचार्य राधिका नायर ने पहले प्रवेश पर लगाएं मुहर बाद में छात्राओं से की पैसों की मांग – रवि परमार

भोपाल – मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल द्वारा नर्सिंग कॉलेजों में सत्र 2024-25 की प्रवेश प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद से लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। प्रवेश नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के चलते छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में डाला जा रहा है। इस पर NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कड़ा विरोध जताते हुए काउंसिल के रजिस्ट्रार कृष्ण कुमार (के.के.) रावत की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।

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रवि परमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से निकले भ्रष्टाचारी अधिकारी को काउंसिल का रजिस्ट्रार बनाया गया है, जो अब नर्सिंग काउंसिल में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। रावत ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए महिला अपराध और भ्रष्टाचार के आरोपियों को फिर से काउंसिल में पदस्थ कर दिया है, जिससे संस्थान में अराजकता फैली हुई है।

छात्र-छात्राओं के भविष्य से हो रहा खिलवाड़

परमार ने बताया कि बीएससी नर्सिंग की फर्स्ट काउंसिलिंग में कुछ छात्राओं के प्रवेश की तारीख 1 जनवरी 1900 दर्ज कर दी गई, जबकि उस समय इंडियन नर्सिंग काउंसिल की स्थापना तक नहीं हुई थी। इसके अलावा, गांधी मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग प्राचार्य राधिका नायर ने एडमिशन स्लिप पर 13 जनवरी 2025 की मोहर और हस्ताक्षर कर प्रवेश करने के पैसों की मांग की जब छात्राओं ने पैसे नहीं दिए, तो उसके बाद तकनीकी खामी बताकर एडमिशन निरस्त कर दिया गया। इस अव्यवस्था के कारण छात्र-छात्राएं मानसिक तनाव में हैं और उनका भविष्य अधर में लटक गया है।

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NSUI की मांग – रजिस्ट्रार व भ्रष्ट अधिकारियों पर हो सख्त कार्रवाई

रवि परमार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल में पदस्थ रजिस्ट्रार के.के. रावत समेत सभी भ्रष्ट अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। साथ ही, गांधी मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग संकाय की प्राचार्य राधिका नायर को हटाकर किसी योग्य एवं अनुभवी व्यक्ति को प्राचार्य बनाया जाए ताकि भविष्य में छात्र-छात्राओं के साथ इस तरह की लापरवाही न हो।

NSUI इस मुद्दे पर छात्रों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेगी और यदि जल्द से जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा ।

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