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लाडली बहना’ योजना का A टू Z:सालाना इनकम ढाई लाख तो नहीं मिलेंगे हर महीने एक हजार रुपए; 5 मार्च से शुरू होगी योजना

मध्यप्रदेश में आधी आबादी यानि महिलाओं को लुभाने के लिए शिवराज सरकार ‘लाडली बहना’ योजना ला रही है। चुनावी साल में इसे बीजेपी सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान इस योजना को अपने जन्मदिन 5 मार्च से शुरू करने जा रहे हैं। जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपए दिए जाएंगे। इस योजना से किस वर्ग की किन-किन महिलाओं को लाभ मिलेगा। जानिए ए टू जेड…

पहले जानिए, क्यों पड़ी योजना की जरूरत

NFHS (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे) 5 के अनुसार मध्यप्रदेश की 23% महिलाएं बॉडी मास इंडेक्स में पीछे हैं। सर्वे में 15 से 49 साल उम्र की 54.7% महिलाओं के एनीमिया की शिकार होने का पता चला। जबकि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा साल 2020-21 में जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में श्रम बल सहभागिता दर में ग्रामीण क्षेत्र में 57.7% पुरुषों की हिस्सेदारी है, वहीं महिलाओं की भागीदारी महज 23.3% है। शहरों में 55.9% पुरुष श्रम बल के मुकाबले महिलाओं की भागीदारी मात्र 13.6% है। सर्वे से पता चलता है कि काम के नजरिए से पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की भागीदारी कम है। इस कारण से महिलाएं आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर होने के बजाए पुरुषों पर आश्रित हैं।प्रदेश में 60 साल से ऊपर की उम्र के लिए वृद्धावस्था पेंशन योजना लागू है। इसमें 600 रुपए मिलते हैं। उसमें 400 रुपए जोड़कर 1000 रुपए करेंगे।

ऐसे तैयार होगी हितग्राहियों की लिस्ट

लाडली बहना योजना के फाॅर्म भरने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सभी गांवों और नगरीय क्षेत्रों में सभी वार्डों में एक से ज्यादा जगहों पर माइक्रो प्लान बनाकर कैम्प लगाए जाएंगे। ग्राम पंचायत के सचिव तथा वार्ड प्रभारी हितग्राही महिलाओं के आवेदन ऑनलाइन भरवाएंगे। इससे पहले महिलाओं को पहले से ही प्रपत्र में जानकारी भरकर देनी होगी। ये प्रपत्र ग्राम पंचायतों, वार्ड कार्यालय और आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध रहेंगे। आवेदन करने की प्रक्रिया फ्री रहेगी।

कौन से दस्तावेज होना जरूरी

आवेदन भरने के लिए महिलाओं को कैम्प में परिवार की समग्र आईडी, स्वयं की समग्र आईडी और खुद का आधार कार्ड लेकर आना होगा। गांव, वार्ड में लगे कैम्प के प्रभारी महिला द्वारा भरे गए आवेदन पत्र के अनुसार पूरी जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके बाद महिला की ऑन स्पॉट फोटो निकालकर पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन सब्मिट होने के बाद पावती का प्रिंट आउट भी महिला को दिया जाएगा। आवेदकों की लिस्ट ग्राम पंचायत, वार्ड में चस्पा की जाएगी।

 

आपत्तियों का ऐसे होगा निराकरण

यदि कोई नाम छूट गया है या गलत जानकारी देकर नाम जुड़ा है, तो आपत्तियों के बाद सुधार किया जा सकेगा। आपत्तियों के लिए ग्राम, वार्ड के प्रभारी को लिखित और 181 पर ऑनलाइन भी आपत्ति दर्ज कराई जा सकेगी।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में आपत्तियों के निराकरण के लिए जनपद पंचायत के सीईओ, उस एरिया के नायब तहसीलदार, महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी की समिति बनाई जाएगी।
  • नगर परिषद क्षेत्र में आपत्तियों के निराकरण के लिए तहसीलदार, नगर परिषद सीएमओ, महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी की समिति बनाई जाएगी।
  • नगर निगम क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त, शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी और महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ की समिति बनाई जाएगी।

ऐसे होगी आवेदनों की जांच और अंतिम सूची का प्रकाशन

आवेदनों पर आई आपत्तियों की जांच और निराकरण के लिए 15 दिनों में समिति को निर्णय करना होगा। समिति केवल उन्हीं प्रकरणों पर विचार करेगी, जिन आवेदनों पर आपत्तियां आई हैं। इसके अलावा बाकी आवेदनों का राज्य स्तर पर रेंडम सिलेक्शन कर उनकी पात्रता की जांच की जाएगी। आपत्तियों की जांच के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी। पात्र हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र भी दिए जाएंगे।

मध्यप्रदेश के आधे महिला वोटरों पर भाजपा की नजर

इस समय मप्र में 2.60 करोड़ से अधिक महिला वोटर हैं। सरकार ने 23 से 60 वर्ष तक की महिलाओं को योजना का लाभ देने की बात की है। सर्वाधिक दो करोड़ महिलाएं इसी आयु वर्ग के बीच आती हैं। पांच एकड़ से कम कृषि भूमि वाले 76 लाख परिवार हैं। इसी तरह 1.10 करोड़ राशन कार्ड धारियों में महिलाएं मुखिया के तौर पर हैं। इनमें किसान परिवार भी शामिल हैं।

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