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सांसारिक सुख से ‘संन्यास’:बालाघाट के ज्वेलर ने दान कर दी 11 करोड़ की संपत्ति; परिवार समेत छोड़ा गृहस्थ जीवन बालाघाट7 घंटे पहले

बालाघाट के सराफा कारोबारी राकेश सुराना ने अपनी 11 करोड़ की संपत्ति गोशाला और धार्मिक संस्थाओं को दान कर दी। उन्होंने पत्नी लीना और 11 साल के बेटे अमय के साथ सांसारिक जीवन को त्याग कर संयम पथ पर चलने का फैसला किया है। वे परिवार सहित 22 मई को जयपुर में दीक्षा लेंगे। दीक्षा ग्रहण करने के पहले राकेश सुराना (40) , उनकी पत्नी लीना सुराना (36) और बेटे अमय सुराना(11) को शहर के लोगों ने शोभायात्रा निकालकर विदाई दी।

2015 में हृदय परिवर्तन के बाद लिया फैसला
सुराना ने बताया कि उन्हें धर्म, आध्यात्म और आत्म स्वरूप को पहचानने की प्रेरणा गुरु महेंद्र सागर महाराज और मनीष सागर महाराज के प्रवचनों और उनके सानिध्य में रहते हुए मिली। वहीं उनकी पत्नी ने बचपन में ही संयम पथ पर जाने की इच्छा जाहिर कर दी थी। बेटे अमय महज चार साल की उम्र में ही संयम के पथ पर जाने का मन चुके थे। हालांकि, बेहद कम उम्र के कारण अमय को सात साल तक इंतजार करना पड़ा।

दीक्षा लेने से पहले परिवार को शोभायात्रा निकालकर लोगों ने विदाई दी।
दीक्षा लेने से पहले परिवार को शोभायात्रा निकालकर लोगों ने विदाई दी।

छोटी सी ज्वेलरी दुकान से शुरू किया कारोबार

राकेश बालाघाट में सोने-चांदी के कारोबार से जुड़े हैं। कभी छोटी-सी दुकान से ज्वेलरी का कारोबार शुरू करने वाले राकेश ने अपने दिवंगत बड़े भाई की प्रेरणा, अपनी कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से इस क्षेत्र में दौलत और शोहरत दोनों कमाई। आधुनिकता के इस दौर की सुखमय जीवन की तमाम सुविधाएं उनके घर-परिवार में थीं। उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की, लेकिन सुराना परिवार अपनी सालों की जमा पूंजी दान कर आध्यात्म की तरफ रुख कर रहे हैं।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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