
मध्यप्रदेश में गर्मी पांच दशक के रिकॉर्ड तोड़ देगी। मौसम विभाग का दावा है कि 50 साल के इतिहास में पहली बार इतनी गर्मी पड़ेगी। मौसम में यह बदलाव ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हो रहा है। इससे दुनिया के साथ भारत का तापमान भी 1 डिग्री से ज्यादा बढ़ चुका है। मध्यप्रदेश में बारिश के बाद ठंड और गर्मी के मौसम में बदलाव के रूप में इसका असर देखने को मिल रहा है। इस बार मार्च में कई जगह तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। पिछले सालों तक मार्च में तापमान अधिकतम 41.6 डिग्री तक गया था। बुंदेलखंड और उज्जैन डिवीजन में इस साल यह 42 डिग्री तक चला गया था। 50 साल के इतिहास में पहली बार मार्च में इतनी गर्मी हुई है।
बदलाव के कारण
प्रशांत महासागर की समुद्री सतह का तापमान लगातार सामान्य से ज्यादा बना हुआ है। ला-नीना की परिस्थितियां लगातार सक्रिय हैं। मार्च के अंत तक इसे खत्म होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अभी भी यह सक्रिय है। ऐसे में अप्रैल और मई में भी तापमान बढ़ेगा। हिंद महासागर में IOD सक्रिय नहीं है। इसके सक्रिय होने से ही बीच-बीच में ठंडर स्टोर्म आते थे, वे इस बार नहीं आएंगे।