
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बढ़ती जनसंख्या की तुलना जंगल के नियम से की है। उन्होंने कहा-जिंदा रहना जीवन का लक्ष्य नहीं होना चाहिए। क्योंकि खाने और आबादी बढ़ाने का काम तो जानवर भी करते हैं। जिंदा वही रहेगा जो ताकतवर होगा, यही जंगल का कानून है। इंसान होने की सबसे बड़ी निशानी है कि वह दूसरों की रक्षा करता है।
भागवत, कर्नाटक की श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के पहले दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर, गायक पंडित एम वेंकटेश कुमार भी मौजूद थे।