नगण्य व्यवस्थाओं के बीच महाविद्यालयीन परीक्षायें आज से

नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा यशभारत। चिलचिलाती धूप में दोपहर 11 बजे से शाम 6बजे तक दो पारियों में बी ए बी एस सी और बी काम की महाविद्यालयीन परीक्षायें आज से शुरू हो रहीं हैं। संकीर्ण माहौल में 750 परीक्षार्थियों को बैठने की यहां सबसे बड़ी समस्या होगी। 7 मई से प्रारंभ हो रहीं ये परीक्षाएं 27 मई तक चलेंगी। जिनमें बी ए की परीक्षाएं 17 मई बी एस सी 25 और बी काम की परीक्षाएं 27 मई तक चलेंगी।
तेंदूखेड़ा शासकीय महाविद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाया गया है लेकिन यहां पर इतने परीक्षार्थियों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह ही नहीं है। महाविद्यालय में जहां शासकीय महाविद्यालय के छात्र शामिल होंगे वहीं संत मोनी महिला महाविद्यालय के छात्र भी शामिल रहेंगे। पहली सिप्ट 11बजे से प्रारंभ होगी वहीं दूसरी सिप्ट 3 बजे से शुरू होगी। नगर के बाहर चिलचिलाती भीषण गर्मी में छात्र-छात्राओं को यहां तक पहुंचना ही सबसे बड़ी समस्या है।साथ ही महाविद्यालय में 40-40 छात्र बैठने वाले क्षमता के तीन कमरे ही है।बाकी दो दहलाने है। इन्हीं में इन छात्रों को बैठना होगा। लेकिन पीछे से सीधी धूप अंदर तक पहुंचती है। छाया को लेकर पर्याप्त व्यवस्था की जरूरत होगी।
नहीं है पानी की व्यवस्था, टेंकरों से बुलाना पड़ता है पानी
दूसरी सबसे बड़ी समस्या यहां पर पीने के पानी को लेकर है। यहां पर पीने के पानी को लेकर एक दिन छोड़ एक दिन पेयजल सप्लाई का ही पानी आता है।
लेकिन वह भी दूरी के मान से कभी कम कभी कम बीच बीच में लाइन गड़बड़ी तो बिजली की समस्या के चलते पानी की किल्लत ही है। पानी के टेंकर बुलाकर ही व्यवस्था हो पाती है। लेकिन तपती दोपहरी में टेंकर का पानी क्या छात्रों की प्यास बुझा पायेगा यह सोचनीय विषय है। महाविद्यालय में दो दो बाटर कूलर तो हैं लेकिन गड़बड़ पड़े हुए हैं। या तो अलग से कंटेनर लेना पड़ेगा या अन्य कोई व्यवस्था जरुरी है।
नहीं है कूलर पंखें
छात्रों को केवल अपनी पठन पाठन की ही परीक्षा ही नहीं देनी है बल्कि भीषण गर्मी के बीच परीक्षा देना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। महाविद्यालय में मात्र तीन कूलर है। जिनमें दो ही केवल काम चला रहे हैं। एक खराब पड़ा हुआ है। कमरों में पंखे तो है लेकिन दहलान में पंखे ही नहीं है।गर्म हबा फेंकतें पंखों के बीच बैठ पाना छात्रों को कहीं बीमार ना कर दे।
इस संबंध में हमारे प्रतिनिधि ने प्रभारी प्राचार्य श्रीमती अपर्णा चौवे से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि 27 मई तक परीक्षाओं को संपन्न तो कराना है। वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ेगी टेंकरो से पानी बुलाने से लेकर नेट बांधकर छाया करने एवं बाहर दहलान में डेस्क टेबिल जमवाकर बैठक व्यवस्था बनाई जायेगी। छात्रों के स्वास्थ्य का भी परीक्षा के दौरान पूरा ध्यान रखा जायेगा।