ड्राइवरों की समाप्त, हेल्पर अभी भी हड़ताल पर, कई वार्डों में नहीं आई कचरा गाड़ी
शहर में लगा गंदगी का अंबार, नगर निगम के नोटिस के बाद भी एमएसडब्ल्यू का रवैया उदासीन

कटनी, यशभारत। वेतन कम दिए जाने सहित अन्य कई मांगों को लेकर एमएसडब्ल्यू कंपनी के मजदूरों और ड्राइवरों ने बुधवार को हड़ताल कर दी थी। हड़ताल के चलते शहर की सफाई और कचरा उठाने का जिम्मा नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को दिया गया था। इसके अलावा नगर निगम प्रशासन ने एमएसडब्ल्यू कंपनी को नोटिस जारी करते हुए कर्मचारियों की मांगों का निराकरण करने के निर्देश दिए थे। जानकारी के मुताबिक ड्रायवरों ने कंपनी के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त कर दी, लेकिन हेल्पर अभी भी हड़ताल पर हैं। हेल्परों की हड़ताल की वजह से कई वार्डों में कचरा गाड़ी नहीं आई। जिसकी वजह से घरों से कचरा संग्रहण का काम प्रभावित हुआ। कई वार्डों में आज भी गंदगी के ढेर लगे रहे। जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बताया जाता है कि उनकी हड़ताल कल समाप्त होगी। विदित हो कि ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत कचरा संग्रहण, परिवहन का कार्य कटनी एम. एस. डब्ल्यू्. प्राईवेट लिमिटेड द्वारा किया जाता है, जिसमें मजदूरों और वाहन चालकों द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण किया जाता है। उन्हें विगत दो महीने से बढ़ी हुई मजदूरी, वेतन पीएफ काटकर ड्राईवर को 11 हजार 800 रुपये एवं हेल्पर को 10 हजार 800 रुपये सेलरी प्राप्त हुई थी। माह जून 2024 की सेलरी बिना कारण के कम करके ड्राईवर को 10 हजार 100 रुपये एवं हेल्पर को 9 हजार 300 रुपये भेजी गई है। कम वेतन मिलने की वजह से ड्राईवरों और हेल्परों ने हड़ताल कर दी।
हाथों के दस्ताने व पैरों के बूट नहीं मिले
पूर्व पार्षद मनोज गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि मजदूरों से कचरा संग्रहण का कार्य कराया जाता है लेकिन उन्हें हाथों के दस्ताने एवं पैरों के लिए बूट नहीं दिये गये और बारिश के समय बरसाती भी नहीं दी जाती है। मजदूरों के स्वास्थ्य का कंपनी द्वारा कोई ध्यान भी नहीं रखा जा रहा है। मजदूरों को पूर्ण वेतन का विवरण दर्शित करने वाली पे-स्लीप भी नहीं दी जाती है तथा पीएफ काटने का भी एकाउंट नंबर एवं स्लीप नहीं दी गई है, जिससे उन्हें यह पता नहीं चलता है कि हमारी कितनी मजदूरी बनी है और कितना पीएफ काटा गया है। मजदूरों से अनेकों लोग पूरा माह काम कराते हैं लेकिन बिना किसी कारण के कुछ दिन की काम की मजदूरी व वेतन दिया जाता है और कम दिये जाने का कोई कारण नहीं बताया जाता है। पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रमेश सोनी ने बताया कि वाहन चालक कुशल श्रमिक के अन्तर्गत आते हैं, लेकिन उन्हें अद्र्धकुशल की मजदूरी दिया जाना न्यायोचित नहीं है।
इनका कहना है
एमएसडब्ल्यू में कार्यरत ड्राइवरों और हेल्परों की हड़ताल की खबर मिलने के बाद नगर निगम कार्यालय में एक बैठक बुलाई गई और एमएसडब्ल्यू कंपनी को नोटिस जारी करते हुए कर्मचारियों की सामस्याओं का निराकरण करने के साथ ही साथ ही नियमानुसार वेतन देने के लिए कहा गया। इसके बाद हड़ताल समाप्त हो गई। नियमों के मुताबिक कर्मचारियों को कलेक्टर रेट के अनुसार वेेतन दिया जाना है। इसको लेकर श्रम आयुक्त इंदौर ने भी निर्देश जारी किए थे, हालांकि बाद में इस पर स्थगनादेश जारी हो गया।
-◆ संजय सोनी, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम
नियमानुसार मजदूरों से 8 घंटे ही काम लिया जाना चाहिए, लेकिन उन्हें सुबह 6 बजे से लेकर कभी शाम 4 बजे तो कभी 5 बजे तक काम लिया जाता है और इस प्रकार लगभग 11-11 व 12-12 घंटे काम लिया जाता है और उन्हें ओव्हर टाईम का पैसा भी नहीं दिया जाता है और ना ही बीमा कराया गया है अथवा नहीं इस विषय में भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।
◆ – मिथलेश जैन, वरिष्ठ पार्षद
