
दिव्यांग संतोष साहू छिंदवाड़ा की सड़कों पर भीख मांगता है। पत्नी से प्यार के कारण वह चर्चा में है। ट्राइसाइकिल को धक्का लगाने में पत्नी को परेशानी आती थी। इसलिए उसने चार साल तक पाई-पाई जोड़कर 90 हजार रुपए इकट्ठा किए। इसके बाद शनिवार को इन पैसों से मोपेड खरीदी। इसका VIDEO भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जहां ये पसंद किया जा रहा है।
संतोष साहू और उसकी पत्नी मुन्नी अमरवाड़ा के रहने वाले हैं। संतोष दोनों पैरों से दिव्यांग है। छिंदवाड़ा बस स्टैंड पर रोजाना दोनों भीख मांगकर गुजारा करते हैं। उनके पास एक ट्राइसाइकिल भी है। इस पर संतोष बैठा रहता है। मुन्नीबाई ट्राइसाइकिल को धक्का लगाकर मंदिर और दरगाह तक जाकर भीख मांगते हैं। संतोष ने बताया कि रोजाना करीब 300 से 400 रुपए मिल जाते हैं। लोगों से दोनों टाइम का खाना भी मिल जाता है।
घाट वाले रास्तों पर आती थी परेशानी
शहर में घाट वाले रास्तों पर संतोष ट्राइसाइकिल नहीं चढ़ा पाता था। ऐसे में पत्नी ट्राइसाइकिल को धक्का लगाती थी। पति को ये बात बुरी लगती थी। पत्नी ने भी मोपेड खरीदने के लिए कहा। उसने चार साल पहले मोपेड खरीदने का मन बनाया। धीरे-धीरे रुपए इकट्ठा करने शुरू किए। इस तरह उसने 90 हजार रुपए इकट्ठा कर लिए।
पहले सुर्खियां बटोर चुका है डिजिटल भिखारी
इससे पहले छिंदवाड़ा की गलियों में बार कोड से पैसे लेने वाला भिखारी भी सुर्खियां बटोर चुका है। अब लोगों से पैसे मांगकर दोपहिया वाहन खरीदने वाले भिखारी दंपती सुर्खियां बटोर रहा है।