आवासीय कालोनी की जमीन पर कब्जे को लेकर विधायक सहित अन्य से मांगा जवाब

जबलपुर, । आवासीय कालोनी की जो जमीन मनोरंजक गतिविधियों के लिए खाली छोड़ी गई थी, उस पर राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर कब्जा कर लिया गया। इससे स्थानीय नागरिक हलकान हो गए। उनके बच्चों के खेलने के लिए कोई जगह नहीं बची। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने सिवनी में आवासीय कालोनी की जमीन पर स्थानीय विधायक व सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा कब्जा किए जाने के आरोप संबंधी जनहित याचिका पर जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में राज्य शासन, सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन, प्रमुख सचिव नगरीय विकास विभाग, सिवनी कलेक्टर, सिवनी नगर पालिका सीएमओ, तहसीलदार, नन्दकिशोर सनोडिया, भाजपा नेता संतोष अग्रवाल को नोटिस जारी किए गए हैं। इसके लिए आगमी सुनवाई तिथि चार नवंबर तक का समय दिया गया है।
जनहित याचिकाकर्ता सिवनी निवासी सुनील नाहर की ओर से अधिवक्ता रवींद्रनाथ त्रिपाठी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जनहित याचिकाकर्ता ने सिवनी के चन्द्रप्रभा नगर में आवासीय कालोनी बनाई थी। छह दिसम्बर, 2006 को यह कालोनी नगर निगम को हैंड ओवर कर दी गई। कालोनी में करीब 10 हजार वर्गफुट जमीन मनोरंजक गतिविधियों के लिए खुली छोड़ दी गई। श्री शनि धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष नन्दकिशोर सनोडिया ने उक्त जमीन पर पुराना मन्दिर होने का दावा करते हुए उनके ट्रस्ट को यह जमीन सौंपने के लिए पत्र लिखा, लेकिन जमीन हैंड ओवर कर दी गई थी, इसलिए ट्रस्ट को नहीं दी जा सकी। इस पर सनोडिया ने ट्रस्ट के उपाध्यक्ष व भाजपा नेता संतोष अग्रवाल व विधायक दिनेश राय मुनमुन की मदद से उक्त जमीन पर कब्जा करना आरम्भ कर दिया। इसकी शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उक्त अवैध कब्जे हटाए जाने के निर्देश जारी किए जाएं।