यश भारत खास : सहस्त्रधारा मेला में मुक्तिधाम निर्माण का ग्रहण : मंत्री संपतिया उइके ने निर्माण को अन्यत्र शिफ्ट कराने सीईओ को दिए थे निर्देश….पर्यटकों को परेशानी

मंडला । जिले का सुप्रसिद्ध पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा मार्ग का मुक्तिधाम पर्यटकों के लिए असहनीय बन गया है। मंत्री संपतिया उइके ने निर्माण को अन्यत्र शिफ्ट कराने सीईओ को दिए थे निर्देश, लेकिन निर्माण कर कहीं और शिफ्ट नहीं किया गया है जिसके चलते पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही है ।

सहस्त्रार्जुन के नाम से भरता है मेला
उल्लेखनीय है कि पौराणिक काल के ख्यात माहिष्मती के शासक सहस्त्रार्जुन के नाम से मंडला शहर से पांच किलोमीटर दूर नर्मदा नदी पर अनेक धाराओं से सुशोभित सहस्त्रधारा स्थल सदियों से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते आया है। प्रतिवर्ष दीपावली के बाद कार्तिक तेरस के दिन यहां पर मेला भी लगता है। जिसमें दूर दूर से लोगों का आना होता है। आसपास के तीस चालीस किलोमीटर की दूरी से आमजन मेला में शिरकत करते हैं।
पहले गोंझीमाल से सहस्त्रधारा तक गोंझी से लगभग एक किलोमीटर ऊबड़-खाबड़ पत्थरों के बीच से चलते हुए लोगबाग आया-जाया करते रहे हैं। संयोग से मंडला जिले में लगभग बीस साल पहले कलेक्टर के रूप में पाराशर और बाद में खरे जी की पदस्थापना के दौरान कलेक्टर द्वय ने सहस्त्रधारा की तस्वीर ही बदल दी जिससे यह स्थल ऐतिहासिक पर्यटक स्थल बन गया।गोंझी से सहस्त्रधारा के ऊपरी भाग तक पक्की सीमेंटेड चौड़ी सड़क का निर्माण कराया गया। नर्मदा के गहरे जल भराव के बीच स्थित भोलेनाथ मंदिर तक सुंदर छोटा पुल बनाया गया।जो विशेष खूबसूरती के साथ आकर्षण का केंद्र बन चुका है। यह स्थान इतना खूबसूरत हो गया है कि यहां की तस्वीर देश विदेश में प्रशंसा पा रही हैं।अनेक प्रकाशित कैलेंडर में इसको प्रमुख स्थान मिला है। इतना ही जिले भ्रमण में आने वालों को यहां की सीनरी गिफ्ट के रूप में देने का रिवाज ही बन गया है।
बदसूरत बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी
इतने ख्यातिलब्ध स्थल को पिछले एक साल से ग्राम पंचायत गोंझीमाल ने अपनी अदूरदर्शिता से बदसूरत बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। सहस्त्रधारा से लगभग एक किलोमीटर पहले मैन रोड से सटकर पंचायत ने मुक्तिधाम का निर्माण कर दिया है। जिससे यहां पर यदा कदा दाह संस्कार किया जाता है।जो सहस्त्रधारा आने जाने वालों को वह दृश्य सहनीय नहीं प्रतीत होता। यद्यपि मुक्तिधाम निर्माण के समय ग्रामवासियों ने विरोध किया था परन्तु पंचायत और जनपद ने अपनी हठधर्मिता से अरूचिकर कार्य पूरा कर ही लिया। तत्संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष का स्थानी निवासियों ने ध्यान आकर्षण कराया था । परन्तु अफसोस इस विषय में कुछ भी नहीं किया गया।
ज्ञात रहे कि दो दिन बाद ही कार्तिक तेरस को दो दिवसीय यहां पर मेला का आयोजन होगा तब पर्यटकों को जलप्रपात के साथ ही इस मुक्तिधाम के दर्शन भी अनिवार्य होगा।
बेहतर होगा कि गोंझीमाल के कचराघर के नजदीक नर्मदा तट पर नया मुक्तिधाम बनाया जाए। जिससे पर्यटक स्थल की शोभा बनी रहे।
स्मरण रहे कि दो-दिन पूर्व क्षेत्रीय विधायक तथा प्रदेश मंत्रिमंडल में पदस्थ पीएच ई मंत्री संपतिया उइके का ध्यान इस विसंगति की ओर किया गया था।जिस पर उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए मंडला जनपद पंचायत सीईओ को निर्देश दिए थे कि शीघ्र मुक्तिधाम को अन्यत्र शिफ्ट किया जाए। परन्तु आज तक उस आदेश का पालन नहीं हुआ है।
इनका कहना है…
स्थानीय लोगों के द्वारा निर्माण कार्य शुरू होने के वक्त ही मुक्ति निर्माण कार्य अन्यत्र करने कि मांग क्षैत्रिय लोगों के द्वारा किया गया था और जन प्रतिनिधियों से गुहार भी लगाई पंरतु स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर विधायक सांसद ने कोई प्रयास नहीं किया।
दयाराम वाल्मीकि, स्थानीय निवासी