
इंदौर मेट्रो ने अपने पहले दिन 5.9 किलोमीटर की दूरी 11 मिनट में तय करते हुए लगभग 2500 यात्रियों को सफर कराया। हालांकि, उद्घाटन के पहले दिन कुछ तकनीकी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा, जिसमें स्टेशन के गेट का ऑटोमैटिक न खुलना शामिल था, जिन्हें कर्मचारियों ने मैन्युअल रूप से संचालित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भोपाल से वर्चुअली इंदौर मेट्रो का शुभारंभ किया था। इसके बाद मेट्रो ने दोपहर 12.09 बजे अपने पहले स्टेशन देवी अहिल्या बाई होल्कर टर्मिनल से अपनी यात्रा शुरू की। 11 मिनट का सफर तय कर यह 12.20 बजे वीरांगना झलकारी बाई स्टेशन पहुंची। दो मिनट के ठहराव के बाद 12.22 बजे रवाना होकर 12.34 बजे टर्मिनल पर वापस लौटी। शाम को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इंदौर पहुंचे और उन्होंने भी मेट्रो में सफर का अनुभव लिया।
आज (रविवार) से यात्री सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक 12 घंटे यात्रा कर सकेंगे। हालांकि, मेट्रो का बीच के स्टेशनों पर स्टॉपेज रहेगा, जिससे इसका ट्रैवल टाइम बढ़कर 23 मिनट तक हो जाएगा।
इंदौर मेट्रो के फर्स्ट डे का रिपोर्ट कार्ड:
ढाई हजार यात्रियों ने किया सफर: इंदौर मेट्रो का पहला दिन “हाउसफुल” रहा, जिसमें लगभग 2500 यात्रियों ने सफर किया। मेट्रो दोपहर 12.09 बजे रवाना हुई और 2 बजे तक चली। बाद में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पहुंचने पर शाम को इसे फिर से चलाया गया। मेट्रो के पीआरओ हिमांशु ग्रोवर ने बताया कि रविवार से मेट्रो का संचालन रात 8 बजे तक किया जाएगा।
5.9 किमी की दूरी 11 मिनट में: पहले दिन शनिवार को ट्रेन ने 5.9 किमी का सफर 11 मिनट में ही पूरा कर लिया था। हालांकि, इस दौरान मेट्रो किसी भी स्टेशन पर नहीं रुकी थी। रविवार से मेट्रो का कुल ट्रैवलिंग टाइम 20 से 23 मिनट हो जाएगा। मेट्रो ट्रेन एक से दूसरे स्टेशन की दूरी कम से कम 2 मिनट और अधिकतम 3 मिनट में पूरी करेगी, वहीं प्रत्येक स्टेशन पर यात्रियों के चढ़ने और उतरने के लिए 2 मिनट रुकेगी।
टिकटिंग सिस्टम: पहले हफ्ते मेट्रो की निशुल्क यात्रा की जा सकेगी, इसलिए पहले दिन टिकट की कोई व्यवस्था नहीं थी। दूसरे हफ्ते से डिस्काउंट रेट पर टिकट उपलब्ध होंगे, और टिकटिंग व्यवस्था मैन्युअल रहेगी।
प्लेटफॉर्म गेट मैन्युअली खुले: प्लेटफॉर्म के गेट ठीक तरह से काम नहीं कर रहे थे। इन्हें मौजूद स्टाफ द्वारा मैन्युअली खोला और बंद किया जा रहा था। बताया गया कि सेंसर की सेटिंग सही नहीं होने की वजह से यह ऑटोमैटिक काम नहीं कर रहे थे।
यात्री बोले- स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा दिन:
मेट्रो में सफर करने पहुंची दिव्यांग यात्री पूजा शर्मा ने कहा कि पहली बार मेट्रो में बैठकर बहुत अच्छा लग रहा है और उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। यात्री बिंदु चौहान ने इसे “स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाने वाला दिन” बताया और कहा कि पीएम मोदी अहिल्या माता की महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ा रहे हैं। शैलजा नामक यात्री ने बताया कि वे अहिल्या माता की 300वीं जयंती पर उनके लिए भजन बनाकर लाए हैं, और 50 से अधिक महिलाओं का उनका समूह 12 ज्योतिर्लिंग बनाकर पहली बार मेट्रो में सफर करने आया था।
मेट्रो जनरल कंसल्टेंट टीम की मेंबर अर्पिता ने बताया कि पहले फेज को पूरा करने में बहुत मेहनत की गई है और वे मेट्रो की शुरुआत से बहुत खुश हैं।
मेट्रो संचालन का शेड्यूल और किराया:
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर पर गांधी नगर से स्टेशन नंबर 3 तक चलेगी। यह दोनों तरफ से एक साथ चलना शुरू होगी (गांधी नगर स्टेशन और सुपर कॉरिडोर स्टेशन नंबर 3 से) और सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक चलेगी।
कॉमर्शियल रन के दौरान हर 30 मिनट के अंतराल पर एक मेट्रो कोच सेट का संचालन किया जाएगा, जिसे यात्रियों की संख्या के आधार पर बढ़ाया या घटाया जा सकेगा। इंदौर मेट्रो का किराया 5 जोन में बांटा गया है, जिसमें 28 स्टेशन आएंगे। न्यूनतम किराया 20 रुपए और अधिकतम किराया 80 रुपए रखा गया है। शुरुआती प्रायोरिटी कॉरिडोर (गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर स्टेशन नंबर 3) का न्यूनतम किराया 20 रुपए और अधिकतम किराया 30 रुपए रहेगा।
मेट्रो कोच की खासियतें:
- कोच की डिजाइन: मेट्रो कोच सफेद और पीले रंग के हैं, जो स्टेनलेस स्टील और रस्ट प्रूफ मटेरियल से बने हैं।
- तीन कोच की ट्रेन: इंदौर में कुल 75 कोच आएंगे। शुरुआत में तीन-तीन कोच की 25 ट्रेनें चलाई जाएंगी। वर्तमान में शहर के चार रूटों में से एक रूट (एयरपोर्ट से गांधी नगर, रेडिसन चौराहा, पलासिया और बंगाली चौराहा होते हुए एयरपोर्ट तक) के 5.9 किमी हिस्से में कॉमर्शियल रन किया जा रहा है।
- बैठने की क्षमता: हर कोच में आमने-सामने की लंबी सीटें हैं, जिन पर 45 से ज्यादा यात्री बैठ सकेंगे। हर कोच के दरवाजे ऑटोमैटिक हैं और करीब 350 लोग यात्रा कर सकेंगे। बीच वाले हिस्से और दरवाजे तक पर्याप्त जगह है, जहां 300 से ज्यादा यात्री खड़े हो सकेंगे। कोच में यात्रियों के मोबाइल चार्जिंग के लिए पर्याप्त पॉइंट हैं।
- लंबाई और संचालन: तीनों कोच को जोड़ने के बाद एक ट्रेन की लंबाई 67 मीटर होती है। संचालन पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगा, और कोच के डोर, ब्रेक, एसी सभी के अलग-अलग सॉफ्टवेयर हैं।
- सुविधाएं: हर कोच में डिजिटल मैप, एलईडी टीवी, एयर कंडीशनिंग की सुविधा है।
दिव्यांगजनों के लिए विशेष व्यवस्था:
इंदौर मेट्रो में वातानुकूलित, प्रदूषण रहित आधुनिक कोच हैं। एक ट्रेन की क्षमता लगभग 980 यात्रियों की है। सभी स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर लगाए गए हैं। दिव्यांगजनों के लिए ब्रेल लिपि और स्पर्शनीय टाइलें लगाई गई हैं। सभी स्टेशन और डिपो पर सीसीटीवी कैमरे और अग्निशमन उपकरण लगाए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए आपातकालीन बटन और इंटरकॉम की व्यवस्था की गई है। दृष्टिहीन यात्रियों के लिए ऑडियो अनाउंसमेंट सिस्टम भी लगाया गया है।
अगले चरण का लक्ष्य:
इंदौर मेट्रो के फेज-2 को जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पहले फेज में सुपर कॉरिडोर 3 से गांधी नगर तक मेट्रो दौड़ेगी।