मंगलवार से मप्र विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस महाकाल लोक, भ्रष्टाचार, आदिवासी अत्याचार और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रामक है। आज सुबह रैगांव से कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा टमाटर और मिर्च की माला पहनकर विधानसभा परिसर में पहुंचीं। उन्होंने कहा कि सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सदन की कार्यवाही पुन: प्रारंभ होते ही विधानसभा में आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार को लेकर कांग्रेस में चर्चा कराने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने कहा कि सीधी में आदिवासी वर्ग के व्यक्ति के साथ जो घटना हुई है, उसने हम सबका सिर शर्म से झुका दिया है। हमने सदन में प्रस्ताव दिया है, काम रोककर चर्चा कराई जाए। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि देश और विदेश में इस घटना के कारण प्रदेश कलंकित हुआ है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार ही आदिवासियों के सर्वाधिक अत्याचार मध्य प्रदेश में हो रहे हैं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि जब एक विषय सदन के सामने रखा जा चुका है तो फिर उस पर इस तरह चर्चा नहीं होनी चाहिए। इस आपत्ति पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति और सर्वदलीय समिति पर इस पर चर्चा हो चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इसे नकारते हुए कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में कोई निर्णय नहीं हुआ है। यह विषय मेरे सामने आया है, अब मुझे निर्णय करने दीजिए।
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के विधायक आसंदी के सामने आ गए और तुरंत चर्चा कराने की मांग करने लगे। सरकार की ओर से कहा गया कि कांग्रेस इस मामले में आदिवासी हितैषी होने का ढोंग कर रही है। संबंधित व्यक्ति की गिरफ्तारी हो चुकी। घर पर बुलडोजर चलाया गया है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चरण पखारे हैं। कांग्रेस केवल वोट की राजनीति कर रही है। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले हंगामे के दौरान ही गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हुक्का बार पर प्रतिबंध के लिए संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर दिया।