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भिड़की स्वास्थ्य केंद्र पर हंगामा, नवजात की मौत, परिजनों के साथ मारपीट:प्रसूता को जबरन दी छुट्टी, नर्स-डॉक्टर पर ग्रामीणों ने लगाएं गंभीर आरोप

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जबलपुर, यशभारत। चरगवां के भिड़की स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। डॉक्टर-नर्स पर प्रसूता के रिश्तेदारों के साथ मारपीट करने की बात भी सामने आई है। प्रसूता को जबरन स्वास्थ्य केंद्र से छुटटी दी गई इसके बाद उसकी बच्चे की मौत घर पर हो गई। इसी को लेकर परिजन स्वास्थ्य केंद्र पहंुचे तो डॉक्टर-नर्स ने मारपीट कर दी।

जानकारी के अनुसार भिड़की निवासी मदन यादव की पत्नी मोना यादव को पेट में तेज दर्द होने पर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। प्रसूता ने 23 अक्टूबर को बच्चे जन्म दिया इसके एक दिन बाद स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर-नर्स ने प्रसूता को छुटटी दे दी। घर जाते ही नवजात की मौत हो गई इसके परिजन स्वास्थ्य केंद्र पहंुचे और डॉक्टर-नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया।

भोपाल की टीम निरीक्षण करने पहंुची थी
बताया जा रहा है कि भिड़की स्वास्थ्य केंद्र में भोपाल की स्वास्थ्य टीम निरीक्षण करने पहंुची टीम को सब ओके दिखाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर और नर्स ने प्रसूता की छुट्टी कर दी। इसके पीछे का कारण बच्चा कमजोर था और उसे कुछ भी सकता था इसलिए डॉक्टरों ने उसे मेडिकल रिफर के स्थान पर घर भेज दिया।

युवक के साथ मारपीट का आरोप
प्रसूता के जेठ मोहन यादव ने आरोप लगाया है कि नवजात शिशु की मौत डॉक्टरों एवं नर्स की लापरवाही की वजह से हुई। शिशु की मौत से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। लापरवाही को लेकर उनमें आक्रोश भी है। परिजनों ने बताया की डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही का खामीयाजा उनको भ्ुागतना पड़ गया । परिजनों ने यह भी बताया कि जब उन्होंने महिला के प्रसव के दौरान डॉक्टर और नसों से महिला के इलाज करने की अपील की तो वहां उपस्थित डॉक्टरों ने उसे युवक के साथ मारपीट कर दी जिस भाई युवक भी बुरी तरह घायल हो गया।

पहले भी घटनाएं हो चुकी हैं
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों की लापरवाही से स्वास्थ्य केदो में ऐसी मामले सामने आते रहते हैं भिड़की स्वास्थ्य केंद्र का यह पहला मामला नहीं है दो बार पूर्व में भी ऐसी ही घटना अस्पताल में हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी उच्च अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली और इस बार नवजात शिशु की मृत्यु का यह तीसरा मामला है । इस अस्पताल की हाल यह हैं की अगर कोई महिला या ग्रामीण अपना इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं तो बिना कुछ सोचे समझे उसे अंदर नहीं आने दिया जाता बाहर भगा दिया जाता है और अगर किसी को भर्ती कर भी लिया तो उसकी लापरवाही पूर्वक इलाज किया जाता है

स्वास्थ्य केंद्र में जाने से घबराते हैं ग्रामीण
जिस प्रकार इस स्वास्थ्य केंद्र में एक युवक के साथ मारपीट कर दी गई और नवजात शिशु की मौत होने की घटना सामने आई इस अस्पताल में ग्रामीण प्रसव के दौरान यह अन्य किसी बीमारी का इलाज करवाने के लिए जाने से घबराते हैं ग्रामीणों का कहना है इस अस्पताल में अगर भी किसी चीज के इलाज के लिए जाते हैं तो वहां के डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही के कारण उनकी जान भी जा सकती है इसीलिए वह इस सरकारी स्वास्थ्य केंद्र छोड़ प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाते हैं।

जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

सरकार द्वारा शासकीय अस्पतालों को अच्छा बनाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से सरकार के सारे प्रयासों पर पानी फिरते नजर आ रहा है। इस स्वास्थ्य केंद्र में उच्च अधिकारी आते तो हैं लेकिन यहां की कार्यवाही सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाती हैं ग्रामीणों का कहना तो यह भी है की जिम्मेदार अधिकारी अगर पहले से ही इन मामलों की सुध लेते तो लापरवाहियों का खामियाजा ग्रामीणों को नहीं भुगतना पड़ता।
इनका कहना है
भिड़की स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत को लेकर परिजनों में आक्रोश था जिन्हें समझाया गया था, उनका आरोप था कि डॉक्टर-नर्स ने लापरवाही की और बच्चे की मौत हुई, इस मामले में जांच कराई जा रही है।
डॉक्टर संजय मिश्रा, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर

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