टाइम-टेबल जारी कर परीक्षा लेना भूला यूनिवर्सिटी:5 से थे पेपर; परीक्षा देने पहुंचे छात्र तो पता चला नहीं होगें

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) के विक्रम सारभाई एग्जाम सेंटर में 5 मार्च की सुबह हंगामें की स्थिति निर्मित हो गई। दरअसल, विश्वविद्यालय द्वारा घोषित टाइम टेबल के तहत मंगलवार की सुबह 8 बजे से एम.एस.सी कम्प्यूटर साइंस का असेंबली लैग्वेज का पेपर प्रस्तावित किया गया था।
जिसके चलते दूरदराज क्षेत्रों से सुबह 7 बजे से विद्यार्थियों का सेंटर पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। लेकिन 8 बजे तक जब एग्जाम को लेकर सेंटर में कोई सुगबुगाहट नजर नहीं आयी तो, छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। काफी देर चले हो हल्ले के बीच मौके पर कुछ छात्र संगठनों के प्रतिनिधि भी आ पहुंचे। जिसके बाद परीक्षा देने आए छात्र-छात्राओं को यह बताया गया कि आज का पेपर स्थगित कर दिया गया है। मंडला, नरसिंहपुर जैसे जिलों से आए छात्रों ने बताया कि अचानक पेपर स्थगित होने का कारण पूछने पर पता चला कि आज जिस विषय का पेपर था वह गलत प्रिंट हो गया है। इसलिए अब एग्जाम पेपर को पुन: प्रिंट होने के बाद ही परीक्षा आयोजित होगी।
4 मार्च की दोपहर जारी हुआ था प्रवेश पत्र –
छात्रों का कहना था कि लिफाफे में एग्जाम पेपर सील करने के पहले उन्हें चेक करने का प्रावधान होता है। परीक्षा विभाग में इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया जाता है। लेकिन उसके बाद भी एग्जाम पेपर ठीक से प्रिंट होकर आए है या नहीं यह देखे बिना उसी सील कर दिया गया। यह तो घोर लापरवाही का विषय है। इतना ही नहीं एग्जाम से चंद घटों पहले मतलब 4 मार्च की दोपहर 3.30 बजे बच्चों को प्रवेश पत्र जारी किए गए थे।
पांच माह पहले पेपर हो गए थे तैयार –
आरडीयू के परीक्षा विभाग में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारी की कार्य शैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पांच माह पहले जो पेपर तैयार कर लिया गया था। उसमें कोई त्रुटी है यह तक नहीं देखी गई। परीक्षा के ठीक पहले यह पता चला कि पेपर गलत प्रिंट हो गए है। जानकारों का कहना है कि पेपर प्रिंट होने के बाद उसे चेक किया जाता है कि वह ठीक प्रिंट हुए है कि नहीं। इस काम के लिए विशेष तौर पर अधिकारियों – कर्मचारियों को तैनात किया जाता है। बात साफ है कि इस तरह की लापरवाही विश्वविद्यालय की शाख पर बट्टा लगा रही है।
लापरवाही का दूसरा मामला –
एनएसयूआई के सचिन रजन के बताया कि विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में पदस्थ अधिकारियों की लारवाही का यह हालही के दिनों दूसरा मामला है जो प्रकाश में आया है। इसके पहले माइग्रेशन फर्जीवाडेÞ में भी उक्त अधिकारी की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है। वहीं आज सुबह हुए घटनाक्रम से तो साफ है कि अधिकारी परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्यो को गंभीरता से नहीं कर रहे हैं।
कुलपति ने तलब किया डिप्टी रजिस्ट्रार परीक्षा को –
एमएससी कम्प्यूटर साइंस की मंगलवार को प्रस्तावित परीक्षा स्थगित होने से छात्रों को हुई परेशानी की जानकारी जैसे ही कुलपति डॉ. राजेश वर्मा को लगी। उन्होने तत्काल परीक्षा विभाग के प्रभारी डिप्टी रजिस्ट्रार अभयकांत मिश्रा को तलब किया। कुलपति ने पूरे घटनाक्रम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को चिहिंत कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।