जबलपुरमध्य प्रदेश

जमीन विवाद में महिला की हत्या : 4 आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

नरसिंहपुर| न्‍यायालय प्रथम सत्र न्‍यायाधीश नरसिंहपुर श्री अखिलेश कुमार धाकड के न्‍यायालय द्वारा जमीन के विवाद में एक राय होकर महिला की हत्‍या तथा अन्‍य आहतों की हत्या का प्रयास करने वाले चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

अभियोजन के जिला मीडिया सेल प्रभारी ने बताया कि रूद्रप्रताप लोधी द्वारा 24.12.2022 को शिकायत थी कि पतिराम लोधी जबरदस्ती उसकी जमीन पर कब्जा कर रहा था। रुद्रप्रताप की पत्नी रामवती उर्फ ममता गन्ना के खेत में चारा काट रही थी तभी झगड़े की आवाज सुनकर प्रार्थी ने घर से बाहर निकलकर देखा तो उसकी पत्नी रामवती उर्फ ममता को अभियुक्त दिनेश लोधी बका से, आरोपी पतिराम लोधी कुल्हाड़ी से मारपीट कर रहे थे और अश्‍लील गालियां दे रहे थे, जो सुनने में बुरी लग रही थी। जब प्रार्थी के पिता उग्रसेन, मां रामाबाई, उसकी पत्नी रामवतीबाई उर्फ ममता को बचाने आये तो पतिराम लोधी ने उसकी पत्नी को कुल्हाड़ी से सिर पर मारा, जिससे दाहिने कान एवं गर्दन में चोट आई। आरोपी दिनेश ने बका से सीने पर, आरोपी आरती ने तलवार से पीठ पर, आरोपी मोतीबाई लोधी ने हंसिया से दाहिने पैर के पुट्ठे पर मारा। प्रार्थी के पिता उग्रसेन व मां रामाबाई के बीच बचाव करने पर पतिराम ने कुल्हाड़ी से उग्रसेन के सिर पर मारा, जिससे बांयी आंख, सिर, नाक में चोट लगी, मां रामाबाई को मोतीबाई ने हंसिया मारा, जिससे रामाबाई का दाहिने हाथ का पंजा कटकर जमीन पर गिर गया। प्रार्थी और खेत पर काम कर रहे परषोत्तम व अर्जुन को दौडते हुये आना देखकर चारों आरोपीगण अपने घर तरफ भाग गये। प्रार्थी रुद्रप्रताप की पत्नी रामवतीबाई उर्फ ममता को गंभीर चोट होने व खून बहने से मौके पर ही उसकी मृत्‍यु हो गई। रामाबाई व उग्रसेन को अधिक चोट होने से जिला अस्पताल, नरसिंहपुर इलाज हेतु भेजा गया। आरोपीगण के विरूद्ध थाना ठेमी में अपराध पंजीबद्ध किया गया। न्‍यायालय में शासन की ओर से मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी रामकुमार पटेल द्वारा की गई। अभियोजन के द्वारा साक्षियों का परीक्षण कराया गया तत्‍पश्‍चात मौखिक तर्क प्रस्‍तुत किये गये जिनसे सहमत होते हुए न्‍यायालय द्वारा आरोपी पतिराम लोधी, श्रीमती मोतीबाई लोधी, दिनेश लोधी व आरती लोधी को भा.दं.वि.की धारा 302 के आरोप का दोषी पाते हुये प्रत्‍येक को आजीवन कारावास एवं 2000-2,000 रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 307 सहपठित धारा 34(दो काउंट) भा.दंवि. के आरोप के लिये प्रत्‍येक को 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

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