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कार्यवाही के प्रमुख बिंदु –
-गैस एजेंसी देने के नाम पर फरियादियों से जमा कराये जाते थे पैसे
-फरियादियों को अलग अलग मोबाइल नंबरों से आते थे फोन
-फरियादियों के मोबाइल पर बिना ओटीपी आये निकल जाते थे रुपये, फ्राइस्टर द्वारा फ्राड की संपूर्ण राशि को अलग अलग पेमेंट गेटवे के माध्यम से किया जाता था बैंक खातो में ट्रांसफर
-फ्राड के लिये किराये पर लिये जाते थे बैंक खाते
-दो अलग अलग मामलों में दो आरोपी गिरफ्तार
जबलपुर यश भारत।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल भोपाल योगेश देशमुख द्वारा अपराधों के निकाल के संबंध में दिये गये निर्देशों के पालन में की गई कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर जोन जबलपुर रश्मि खरया के मार्गदर्शन में आरोपी अनिरबन मैती एवं रिपी सिंह को राज्य सायबर पुलिस जोन जबलपुर द्वारा गिरफ्तार किया गया ।आरोपीगण अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फरियादियों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी करते थे।
केस 1
गैस एजेंसी के नाम पर ठगी-दोनों आरोपियों ने जुलाई 2020 में पीड़ित को अज्ञात व्यक्ति बनकर गैस एजेंसी की डीलरशिप देने के नाम पर चार लाख नब्बे हजार रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की थी जिसके संबंध में शिकायत की गई थी। पीड़ित द्वारा 16 जनवरी 2020को वेबसाइट www.lpgvitarakchayan.in पर जाकर गैस एजेंसी लेने के लिये फार्म भरा, जो कि 19 जनवरी को गैस एजेंसी डीलरशिप में रजिस्ट्रेशन सफल होने का ईमेल प्राप्त हुआ। मेल पर अप्रूवल फार्म भेजा। इसके बाद से पीड़ित की आरोपों से बातचीत शुरु हो गई। जाँच पर पाया गया कि पीड़ित से भारत गैस एजेंसी की डीलरशिप दिलाने के नाम पर झांसा देकर आरोपियों द्वारा विभिन्न प्रकार की सेवाओं जैसे रजिस्ट्रेशन फीस, केवायसी फीस, एन.ओ.सी., एग्रीमेन्ट, लाईसेन्स, सिलेन्डर स्टोरेज के नाम पर अलग अलग बैंक खातों पर राशि जमा करवायी गयी।
केस 2
डाक्यूमेंट अपडेट का कहकर धोखाधड़ी-इसी प्रकार उपरोक्त आरोपियों द्वारा अज्ञात व्यक्ति बनकर फोन पर स्वयं को बीएसएनएल कंपनी का कर्मचारी बताकर सिम बंद होने का कहकर डाक्यूमेंट अपडेट के नाम पर लिंक भेजकर पीड़ित से 2 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गयी।
पश्चिम बंगाल के है दोनों आरोपी –उपरोक्त मामलों में सायबर पुलिस द्वारा आरोपी अनिरबन मैती उम्र 30 वर्ष निवासी भगवनपुर पुरवा मेदनीपुर (पश्चिम बंगाल) एवं आरोपी रिपी सिंह आर सरानी जिला कोलकाटा (पश्चिम बंगाल) से कुल मिलाकर नगद 40 हजार रुपये एवं दो मोबाइल फोन व दस्तावेज जप्त किये गये। प्रकरण की विवेचना जारी है शेष आरोपीगण एवं राशि की बरामदगी की जा रही हैं।
आरोपियों को पकड़ने में प्रमुख भूमिका– आरोपियों की गिरफ्तारी में प्रमुख रूप से निरीक्षक आर.डी. कानवा, निरीक्षक निलेश अहिरवार, उप निरीक्षक हेमंत पाठक, उप निरीक्षक मनीष उपाध्याय, आर. विमल की भूमिका उल्लेखनीय है।