जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य

नशे और नॉन-वेज खाने से दूर रहता है यह गांव, सात्विक जीवन से देशभर के लिए बना मिसाल, जानिए इसके पीछे की वजह

हारनपुर जिले के देवबंद से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मीरगपुर गांव अपनी अनूठी और सात्विक जीवनशैली के कारण सुर्खियों में है. काली नदी के किनारे बसे इस गांव की आबादी करीब 10,000 है.

यहां के लोग मांस, मदिरा, और धूम्रपान से पूरी तरह परहेज करते हैं. यह परंपरा लगभग 500 साल पुरानी है. मीरगपुर के लोग गुरु बाबा फकीरा दास नाम के संत में आस्था रखते हैं और अपने सात्विक जीवन को उनके ‘आशीर्वाद का परिणाम’ मानते हैं.

करीब 400 साल पुरानी है परंपरा
ग्रामीणों के अनुसार गुरु बाबा फकीरा दास 17वीं शताब्दी में इस गांव में आए थे. उन्होंने गांववासियों को नशे और तामसिक खाने का त्याग करने का संदेश दिया. बाबा फकीरा दास ने कहा कि अगर गांव के लोग नशा और तामसिक भोजन से दूर रहेंगे तो गांव सुखी और समृद्धशाली बन जाएगा.

ग्रामीणों का मानना है कि करीब 400 साल पहले बाबा फकीरा दास का दिया हुआ यही संदेश उन्हें यह जीवनशैली दे गया. उसी वक्त से इस गांव ने नशे और मांसाहार से दूरी बनाए रखी है. यहां तक कि गांव में कोई भी दुकान या इंसान नशे का सामान नहीं बेचता. न ही तामसिक खाने का सेवन करता है.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम
मीरगपुर के निवासी अपने गांव को नशा मुक्त बनाए रखने के लिए प्रेरित हैं. इस परंपरा को बरकरार रखने के लिए गांव के युवा अहम भूमिका निभा रहे हैं. इस वजह से मीरगपुर का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हुआ है. इस खास जीवनशैली के लिये मीरगपुर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम अंकित करवा चुका है.

इन उपलब्धियों ने गांववासियों में गर्व और खुशी की भावना को जगाया है. गांव में गुरु बाबा फकीरा दास की समाधि भी मौजूद है. उनकी याद में हर साल एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है, जहां ग्रामीण अपने रिश्तेदारों को आमंत्रित करते हैं और इस मौके पर देसी घी में बना सात्विक भोजन खाते हैं. यहां आने वाले मेहमान भी गांव की परंपराओं का सम्मान करते हुए धूम्रपान और अन्य नशे से दूर रहते हैं.

मीरगपुर को नशा मुक्त गांव का सर्टिफिकेट भी मिल चुका है जो इसे पूरे देश के लिए एक मिसाल बनाता है. गांव के युवा इस पर गर्व महसूस करते हैं. वे इसे अपनी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा मानते हैं जो उन्हें उनके पूर्वजों की विरासत से जोड़ता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Youtube Channel