
यशभारत, जबलपुर। जिला कलेक्टर द्वारा विगत दिनों शहर की सडक़ों पर विचरण करने वाले पशुओं पर रोक लगाई थी। जिसके चलते उन्होंने यह आदेश जारी किया था कि पशु मलिक मवेशियों को खुले में विचरण के लिए ना छोड़ें। इसके अलावा जो सडक़ पर मवेशी घूमते हुए नजर आते हैं उन पर भी सही सुनिश्चित जगह पर पहुंचने के लिए आदेश दिए गए थे परंतु उसे आदेश के बाद सडक़ों पर मवेशी अभी भी बैठी हुई नजर आ रहे हैं जिसका यह साफ मतलब है कि विचरण में रोक लगाई गई है बैठने में नहीं जिसके चलते यहां सडक़ पर आए दिन मवेशी भी सडक़ों पर बैठे हुए नजर आते रहते हैं।
शुरु में हुई कार्यवाही-कलेक्टर द्वारा सडक़ों पर पालतू मवेशियों और पशुओं को छोडऩे के लिए 31 अगस्त को जारी किए गए प्रतिबंधात्मक आदेश के अगले दिन ही हाका गैंग द्वारा मवेशियों को पकडऩे की कार्यवाही शुरू की थी। जिसमें पहले ही दिन कार्यवाही करते हुए दीनदयाल चौक सहित अन्य क्षेत्रों में मवेशियों को पकड़ा गया था। परंतु उसके बाद से यह कार्यवाही पूरी तरह से ठंडी पड़ गई,जिसके बाद फिर से सडक़ों पर मवेशी घूमते हुए नजर आने लगे हैं।
यातायात में होते हैं, लगता है जाम-शहर में आवारा मवेशियों की संख्या काफी बढ़ गई हैं। वहीं कुछ पालतू पशु भी लोग सडक़ों पर अभी भी छोड़ दिया करते हैं। जिसके चलते यह सडक़ों पर घूम- घूम कर यातायात में बाधा उत्पन्न करते हैं। वहीं उनके बीच सडक़ों पर बैठे होने के कारण कई बार ट्रैफिक जाम की समस्याएं भी उत्पन्न होती हैंइसके अलावा हादसे और दुर्घटना होने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है। पूर्व में इन मवेशियों के कारण हादसे और दुर्घटनाएं हो भी चुकी हैं। कलेक्टर द्वारा जारी कीए गए प्रतिबंधित आदेश के बाद भी शहर के सभी आवारा मवेशी के घूमने और बैठने पर लगाम नहीं कस पा रही है।