राजधानी की सडक़ें बनीं मुसीबत, जाम में फंसे रहे वाहन चालक
प्रभात चौराहे से लेकर पुष्प नगर पेट्रोल पंप तक लगी वाहनों की कतार

राजधानी की सडक़ें बनीं मुसीबत, जाम में फंसे रहे वाहन चालक
– प्रभात चौराहे से लेकर पुष्प नगर पेट्रोल पंप तक लगी वाहनों की कतार
– जहांगीराबाद और लाल परेड ग्राउंड के सामने भी लगा रहा जाम
भोपाल यशभारत। राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है। हालात यह हैं कि लोग रोजाना घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं और जिला प्रशासन इस समस्या से निजात दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है। शुक्रवार शाम को अशोका गार्डन स्थित 80 फिट रोड पर हालात इतने बिगड़े कि शाम 6 बजे से लेकर देर रात तक जाम की स्थिति बनी रही। इस दौरान प्रभात चौराहे से लेकर पुष्प नगर पेट्रोल पंप तक गाडय़िों की लंबी कतारें लग गईं।
लोगों का कहना है कि राजधानी में जाम रोज का सिरदर्द बन चुका है। शाम के समय ऑफिस और बाजार से लौटते वक्त लोगों को कई घंटे सडक़ पर बिताने पड़ते हैं। शुक्रवार को भी यही नजारा रहा। जाम में फंसे लोगों में छात्र-छात्राओं से लेकर ऑफिसकर्मी और आमजन सभी परेशान दिखाई दिए। कई लोग तो जाम से बचने के लिए गलियों और वैकल्पिक मार्गों से निकलने की कोशिश करते रहे, लेकिन वहां भी हालात सुधरे नहीं।
यही नहीं, शहर के अन्य इलाकों में भी जाम ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया। जहांगीराबाद में लाल परेड ग्राउंड के सामने ट्रैफिक जाम का नजारा देखने को मिला। यहां भी गाडय़िों की लंबी लाइनें लगी रहीं और देर रात तक लोग राहत नहीं पा सके। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं को उठानी पड़ी। एंबुलेंस मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं ले जा पाईं और लोग जाम में घंटों तक फंसे रहे।

सबसे ज्यादा यहां लगता है जाम
भोपाल में ट्रैफिक जाम की स्थिति कई जगह गंभीर है, लेकिन सबसे ज्यादा समस्या अशोका गार्डन, कोलार रोड, भेल क्षेत्र, जहांगीराबाद और लाल परेड ग्राउंड के आसपास देखने को मिलती है। इन इलाकों में ऑफिस समय और शाम के बाद जाम स्थायी समस्या बन गया है। इसी तरह न्यू मार्केट, बोर्ड ऑफिस चौराहा और 10 नंबर मार्केट भी ऐसे इलाके हैं, जहां रोजाना जाम की समस्या सामने आती है।

गहराती जा रही समस्या
स्थानीय लोगों का कहना है कि राजधानी के तेजी से बढ़ते ट्रैफिक और अव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था के कारण समस्या लगातार गहराती जा रही है। कई जगह सडक़ पर ही लोग वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे जाम की स्थिति और भी बिगड़ जाती है। इसके अलावा, ट्रैफिक सिग्नल के खराब रहने और पुलिस की सीमित मौजूदगी भी स्थिति को और गंभीर बना देती है।
प्रशासन मौन, लोग हो रहे परेशान
जाम की समस्या को लेकर लोग जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस से लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है। प्रशासन केवल बड़े आयोजनों या वीआईपी मूवमेंट के समय ही सक्रिय नजर आता है। सामान्य दिनों में ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही और व्यवस्थाओं की कमी लोगों पर भारी पड़ रही है।
यह हो सकता है समस्या का समाधान
सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा –
अशोका गार्डन, कोलार और भेल क्षेत्र से रोजाना हजारों लोग न्यू मार्केट व बोर्ड ऑफिस की ओर आते हैं। अगर यहां से सीधी मेट्रो या बस रूट ज्यादा हों, तो निजी वाहनों की संख्या कम होगी।स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट –
लाल परेड ग्राउंड, बोर्ड ऑफिस चौराहा और 10 नंबर मार्केट पर अक्सर सिग्नल खराब रहते हैं। यहां स्मार्ट सिग्नल और सीसीटीवी निगरानी से जाम तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है।
पार्किंग व्यवस्था –
न्यू मार्केट और 6 नंबर, 10 नंबर मार्केट में लोग सडक़ किनारे ही गाडय़िां खड़ी कर देते हैं। अगर यहां मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाए और सडक़ किनारे पार्किंग पर जुर्माना लगे, तो ट्रैफिक काफी सुचारू होगा।
वैकल्पिक मार्ग और फ्लाईओवर –
अशोका गार्डन 80 फिट रोड और जहांगीराबाद में ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए नए बायपास और फ्लाईओवर की जरूरत है। इससे भारी वाहन मुख्य सडक़ों पर न आएं।
एंटी-एंक्लोजमेंट अभियान –
एमपी नगर और अशोका गार्डन इलाके में सडक़ किनारे खोमचे और अवैध कब्जे हटाने से वाहन आसानी से निकल सकेंगे
टाइमिंग का बदलाव –
न्यू मार्केट और बोर्ड ऑफिस क्षेत्र में ऑफिस व स्कूल का समय एक साथ पडऩे से जाम बढ़ता है। अगर स्कूल और ऑफिस समय में थोड़ा अंतर हो, तो ट्रैफिक दबाव बंट जाएगा।
कारपूल और साइकिलिंग –
कोलार और भेल से आने वाले ऑफिसकर्मी अगर कारपूल करें, तो रोजाना सैकड़ों गाडिय़ां सडक़ से कम हो सकती हैं। साथ ही, छोटे रास्तों जैसे शाहजहांनाबाद और जहांगीराबाद के लिए साइकिल ट्रैक बने तो भीड़ घटेगी।
सख्त नियम –
गलत दिशा में चलने वाले और रेड लाइट तोडऩे वालों पर सख्त कार्रवाई खासकर पुराने भोपाल और अशोका गार्डन क्षेत्र में की जाए तो ट्रैफिक अनुशासन सुधरेगा।







