जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

JABALPUR NEWS- एमयू की साख बचाने में जुटे कुलपति-कुलसचिव की मेहनत में फिरा पानी: डॉक्टर पंकज-निधि और डॉक्टर सचिन पर पेपर लीक के लगे गंभीर आरोप

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जबलपुर, यशभारत। मेडिकल सेक्स स्केण्डल शायद कोई भूला होगा। इस कांड के बाद से जबलपुर मेडिकल चिकित्सालय और विवि पूरे मध्यप्रदेश में बदनाम हो गया। जब भी जबलपुर की चिकित्सा क्षेत्र में बात होती है तो बहुप्रचलित कांड को लेकर नाम लिया जाता है। एक बार फिर एमयू की साख दांव पर है प्रशासक कुलपति और कुलसचिव डॉक्टर प्रभात बधौलिया पुराने कांड की स्याही की छाप अलग कर मध्यप्रदेश में आयुर्विज्ञान विवि की छवि सुधारने में जुटे हुए तो वहीं विवि के कुछ अधिकारी पुराने ढर्रें पर काम कर रहे हैं। ताजा मामला पेपर लीक से जुड़ा है। 10 जून को प्रदेशभर में बीएएमएस का पेपर आयोजित हुआ लेकिन उक्त पेपर शुरू होने से पहले ही रतलाम में लीक हो गया। इस प्रकरण में विवि में पदस्थ डॉक्टर पंकज बुधौलिया, डॉक्टर निधि और डॉक्टर सचिन पर छात्र संगठन ने गंभीर आरोप लगाए।

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पेपर लीक मामले पर छात्रों द्वारा विवि के बाहर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया गया था

02 घंटे बाद प्रश्नपत्र गोपनीय नहीं रह जाता है

एमपी स्टूडेंट यूनियन के छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि एनाटॉमी का उक्त प्रश्नपत्र रतलाम स्थित परीक्षा केन्द्र को छोड़कर सभी परीक्षा केन्द्रों पर प्रात: 11.30 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 2.30 बजे संपन्न हो चुका था । नियम के अनुसार परीक्षा केन्द्र से 2 घंटे बाद अर्थात् 01.30 बजे से परीक्षार्थी परीक्षा केन्द्र पर कॉपी जमा करके और प्रश्नपत्र साथ लेकर बाहर जा सकता है अर्थात् परीक्षा प्रारंभ होने के 02 घंटे बाद प्रश्नपत्र गोपनीय नहीं रह जाता है । रतलाम स्थित परीक्षा केन्द्र पर बी.ए.एम.एस. प्रथम वर्ष की एनाटॉमी विषय की परीक्षा दिनांक 10 जून 2022 को 3 घंटे विलंब से प्रारंभ कराई गई । यदि इसके पीछे कोई तकनीकी कारण था तो विश्वविद्यालय को प्रश्नपत्र का दूसरा सेट भेजना चाहिये था क्योंकि एक प्रश्नपत्र के न्यूनतम तीन सेट प्रश्न पत्र तैयार कराये जाते हैं परन्तु परीक्षा नियंत्रक डॉ . सचिन कुचया और सहायक कुलसचिव डॉ . पंकज बुधौलिया द्वारा निजी महाविद्यालय से सांठ गांठ करके जानबूझकर भ्रष्टाचार की नियम से अन्य केन्द्रों को तीन घंटे पहले भेजे गये समान प्रश्न पत्र को भेजकर पेपर आउट करने जैसे अक्षम्य और आपराधिक कारनामे को अंजाम किया गया है ।

अवकाश पर रहने के बाबजूद परीक्षा के कार्य में जुटी थी निधि

एमपी स्टूडेंट यूनियन के छात्रों का आरोप है कि उक्त प्रकरण में रतलाम के अलावा प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों में भी सांठगांठ पूर्वक पेपर आउट होने की बाद भी सामने आई है । पेपर आउट होने का आपराधिक कृत्य विश्वविद्यालय के परीक्षा शाखा के अधिकारियों द्वारा शातिराना तरीके से किया गया है । बी.ए.एम.एस. प्रथम वर्ष एनॉटामी के प्रश्नपत्र के मॉडरेशन का कार्य षडयंत्रपूर्वक शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर की प्रोफेसर डॉ . निधि श्रीवास्तव को दिया गया था । चूंकि डॉ . निधि श्रीवास्तव अवकाश पर थीं एवं अवकाश पर कर्मचारी या अधिकारी कर्तव्य पर नहीं माना जाता है अत: नियम अनुसार इनके द्वारा अवकाश अवधि में परीक्षा जैसा मॉडरेशन जैसा गोपनीय कार्य नहीं करना चाहिये था । अपने इस कृत्य से डॉ . निधि श्रीवास्तव स्वयं संदेह के घेरे में आ गई है । जो शिक्षक विश्वविद्यालय के उपलब्ध 3 प्रश्नपत्र के सेट में से एक प्रश्नपत्र चुनकर मॉडरेशन करता है तो उसे विश्वविद्यालय के परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा प्रारंभ होने के 15 मिनट ऑनलाईन भेजा जाता है । मॉडरेशन करने वाले शिक्षक को उस प्रश्न पत्र के प्रश्नों के बारे में संपूणज़् जानकारी होती है इसलिये उस शिक्षक द्वारा प्रश्न पत्र को आउट न किया

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